BSF Jawan Abducted: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बांग्लादेशी नागरिकों ने कथित तौर पर एक बीएसएफ जवान का किडनैप कर लिया, लेकिन बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के दखल के बाद उसे छोड़ दिया गया। इस बात की जानकारी पीटीआई के हवाले से अधिकारियों ने दी है। जवान को बुधवार तड़के जिले के नूरपुर के सुतियार में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स कैंप के पास चांदनी चौक के पास से अगवा कर लिया गया।

पीटीआई ने बीएसएफ सूत्रों के हवाले से बताया कि जवान कथलिया गांव के पास बांग्लादेश की ओर से घुसपैठ की कोशिश को रोकने की कोशिश कर रहा था, तभी उसे बांग्लादेश के चपई नवाबगंज जिले के नागरिकों ने पकड़ लिया। साउथ बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘उन्हें बांग्लादेशी नागरिकों ने अगवा कर लिया था और बंदी बनाकर रखा था, लेकिन जब हमने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के सामने इस मुद्दे को उठाया तो कुछ घंटों के अंदर ही उन्हें रिहा कर दिया गया। जवान अब हमारे साथ है और ठीक है।’

पाकिस्तान से तनाव के बीच बीएसएफ जवान की वापसी

दोनों बॉर्डर फोर्स के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। घटना की वास्तविक परिस्थिति का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। बीएसएफ क्षेत्र में सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की समीक्षा कर रही है, लेकिन इस घटना पर अभी तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के बाद 2,000 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को बॉर्डर से वापस खदेड़ दिया गया है। त्रिपुरा, मेघालय और असम में बांग्लादेश बॉर्डर पर सरकारी अभियान चल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, गुजरात उन राज्यों में से एक था जिसने सबसे पहले लोगों को हिरासत में लिया और जिन लोगों को वापस भेजा गया उनमें से लगभग आधे लोग गुजरात से थे। दिल्ली और हरियाणा ने भी बड़ी संख्या में अप्रवासियों को डिपोर्ट किया है, जबकि बाकी लोगों को असम, महाराष्ट्र और राजस्थान में हिरासत में लिया गया है। BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ 20 दिन बाद भारत लौटे पढ़ें पूरी खबर…