भारत के दिग्गज क्रिकेटर रोहित शर्मा ने हाल ही में अपने पिता गुरुनाथ शर्मा के बारे में बात करते हुए क्रिकेट करियर में उनके गहरे प्रभाव को साझा किया। रोहित ने अपनी सादगी भरी बातों में उस पिता की कहानी बयां की, जिसने चुपके से अपने सपनों को किनारे रखकर अपने बेटे के सपनों को पंख दिए। यह कहानी न सिर्फ एक क्रिकेटर की है, बल्कि उस परिवार की भी है, जिसने मुश्किलों के बीच भी हौसला और प्यार बनाए रखा।
हाल ही में भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा की किताब ‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर्स वाइफ’ के लॉन्च इवेंट में रोहित ने अपने पिता के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उनके पिता, जो कभी एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करते थे,उन्होंने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी जिंदगी में कई त्याग किए। रोहित ने कहा, “पापा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि हमें किसी चीज की कमी न हो। उन्होंने अपने लिए बहुत कुछ छोड़ा, ताकि हमारा जीवन बेहतर हो सके।”
रोहित ने अपने पिता की टेस्ट क्रिकेट के प्रति दीवानगी को भी याद किया। “पापा को शुरू से ही टेस्ट क्रिकेट बहुत पसंद था। उन्हें यह नया टी20 या छोटे फॉर्मेट का क्रिकेट ज्यादा पसंद नहीं।” यह जुनून रोहित में भी कहीं न कहीं बस्ता था। उन्होंने हंसते हुए एक पुराना किस्सा साझा किया, जब उन्होंने 2014 में श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता में वनडे क्रिकेट में विश्व रिकॉर्ड 264 रन बनाए थे। “मैंने जब पापा को बताया, तो उन्होंने बस इतना कहा, ‘अच्छा खेला, बेटा।’ कोई खास उत्साह नहीं दिखा, भले ही वह विश्व रिकॉर्ड था।”
#WATCH | Mumbai: At the launch of Indian Cricketer Cheteshwar Pujara’s wife Puja Pujara’s book ‘The Diary of a Cricketer’s Wife’, Indian Cricketer Rohit Sharma, says “…Since day one, my father has been a test cricket fan. He doesn’t like this new age cricket. I still remember… pic.twitter.com/0hGpfieTaf
लेकिन जब बात टेस्ट क्रिकेट की आती थी, तो गुरुनाथ शर्मा का जोश देखते बनता था। रोहित ने बताया, “अगर मैं टेस्ट में 30, 40, 50 या 60 रन भी बनाता, तो पापा मुझसे लंबी बात करते। हर शॉट, हर पल को बारीकी से समझते और तारीफ करते। टेस्ट क्रिकेट के प्रति उनका प्यार कुछ और ही था।”
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रोहित ने हाल ही में 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, जो उनके लिए और उनके पिता के लिए भी एक भावुक पल था। 11 साल के करियर में रोहित ने 67 टेस्ट मैच खेले और 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। इंग्लैंड दौरे से पहले लिया गया यह फैसला भारतीय क्रिकेट में एक बड़े नेतृत्व शून्य को छोड़ गया। रोहित ने बताया, “पापा को मेरा टेस्ट क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था। जब मैंने संन्यास की बात बताई, तो वह थोड़े उदास हुए, लेकिन साथ ही खुश भी थे, क्योंकि वे मेरे हर फैसले में मेरे साथ थे।”
रोहित ने अपने पिता के योगदान को दिल से स्वीकार किया। “आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें पापा का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने मुझे न सिर्फ क्रिकेट, बल्कि जिंदगी के मूल्यों को भी सिखाया।” यह बातें सुनकर यह साफ हो जाता है कि रोहित की कामयाबी के पीछे सिर्फ उनकी मेहनत ही नहीं, बल्कि एक पिता का अटूट विश्वास और त्याग भी शामिल है।