Soaked vs unsoaked almonds: बादाम एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसका सेवन देश और दुनिया में सबसे ज्यादा किया जाता है। बादाम का सेवन उसके पोषक तत्वों को ध्यान में रखकर किया जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक बादाम में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन E, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, कॉपर और फॉस्फोरस भरपूर होता है जो बॉडी को हेल्दी रखता है। बादाम के फायदों की बात करें तो बादाम खाने से बॉडी को भरपूर पोषण मिलता है और वजन कंट्रोल रहता है। रोज बादाम खाने से हड्डियां मजबूत होती है और मूड में सुधार होता है। ये ड्राई फ्रूट कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और दिल को हेल्दी रखता है। बादाम खाने से डायबिटीज कंट्रोल रहती है और कैंसर जैसी बीमारी का इलाज होता है।
बादाम को पोषक तत्वों का पावर हाउस माना जाता है लेकिन उसके सेवन को लेकर अक्सर बेहद चलती है। अक्सर लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि वो बादाम भिगोए हुए खाएं या फिर बिना भिगोए बादाम का सेवन करें। आयुर्वेद के मुताबिक बादाम को भिगोकर खाने से उसकी गर्म तासीर कम हो जाती है और बादाम शरीर में गर्मी पैदा नहीं करता इसलिए लोग बादाम को भिगोकर खाने की सलाह देते हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नित्यानंदम श्री ने बताया आपको बादाम सूखा खाना है या फिर भिगोकर खाना है ये आपको अपनी बॉडी की प्रकृति को समझ कर खाना चाहिए। एक्सपर्ट ने बताया जिन लोगों की पित्त प्रकृति है उनको गर्म तासीर के ड्राई फ्रूट का सेवन नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को खुश्क चीजों से एलर्जी है उन्हें गर्म प्रकृति की चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि किन लोगों को बादाम का सेवन भिगोकर करना चाहिए और किन लोगों को सूखा बादाम खाना चाहिए।
किन लोगों को सूखा बादाम नहीं खाना चाहिए? आयुर्वेद के मुताबिक हर इंसान को भोजन का सेवन अपनी शारीरिक प्रकृति के हिसाब से करना चाहिए। भोजन का सेवन अपने शरीर के वात, कफ और पित्त दोष को समझ कर करना बेहतर होता है। बादाम एक पोषक तत्वों से भरपूर मेवा है जो हर इंसान को अलग-अलग तरीके से फायदा और नुकसान पहुंचा सकता है। बादाम एक गर्म तासीर का मेवा है। एक्सपर्ट के मुताबिक गर्म ड्राई फ्रूट का सेवन पित्त प्रकृति वाले लोगों को नहीं करना चाहिए। पित्त प्रकृति वाला सीधे मुंह में सूखा ड्राई फ्रूट खाएगा तो उसे बॉडी में कई तरह की समस्याएं हो सकती है। जिन लोगों को गर्मी ज्यादा लगती है वो सूखा ड्राई फ्रूट नहीं खा सकते इससे उनकी बॉडी में गर्मी बढ़ सकती है।
जिन लोगों को पेट में गैस ज्यादा या हमेशा रहती है उन्हें गर्म तासीर की खुश्क चीजें नहीं खाना चाहिए इनसे गैस ज्यादा होने का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों की बॉडी में पहले से ही खुश्की है उन्हें सूखे बादाम का सेवन नहीं करना चाहिए। सूखा बादाम स्किन पर फोड़े-फुंसी और चिड़चिड़ापन कर सकता है। सूखे बादाम का सेवन करने से ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। इन सभी परेशानियों में लोग बादाम का सेवन सूखा नहीं बल्कि भिगोकर करें। याद रखें जिन लोगों को सर्दी जुकाम,बलगम और कफ रहता है उन्हें बादाम का सेवन सूखा ही करना चाहिए।
बादाम की तासीर गर्म होती है लेकिन जब इन्हें रात में पानी में भिगो दिया जाता है और सुबह इसका सेवन किया जाता है तो इसकी तासीर ठंडी हो जाती है। बादाम को भिगोकर खाने से उसकी तासीर बदल जाती है और इसके पोषक तत्व शरीर में आसानी से अवशोषित होते हैं। बादाम को भिगोकर खाने से उसे पचाना आसान हो जाता है। जिन लोगों को वायु दोष है वो बादाम का सेवन तल कर करें। पित्त दोष वाले लोगों का शरीर गर्म प्रवृत्ति का होता है। बादाम को भिगोकर खाया जाता है तो शरीर की गर्मी संतुलित रहती हैं। सूखा बादाम एसिडिटी, जलन, मुंह के छाले का कारण बन सकता है। भिगोने से बादाम में मौजूद एंजाइम अवरोधक हट जाते हैं और उसे पचाना आसान होता है।
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