यूरिक एसिड शरीर में एक नेचुरल वेस्ट प्रोडक्ट होता है, जो प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है। यह एक ऐसा अपशिष्ट यानी खराब पदार्थ है, जो शरीर से पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है, लेकिन जब इसका लेवल ज्यादा होने लगता है तो यह जोड़ों में जमा होकर गठिया, सूजन और तेज दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसे ही कुछ लोगों को लगता है कि दाल खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है।

दरअसल, हम जो कुछ चीजें खाते हैं उसमें प्यूरिन नामक तत्व होता है। जब शरीर में प्यूरीन का मात्रा अधिक हो जाती है तो किडनी यूरिक एसिड को पूरी तरह से फिल्टर नहीं कर पाती है और ये क्रिस्टल के रूप में शरीर के जोड़ों में जमा होने लगता है, जो आगे चलकर कई समस्याओं का कारण बन सकता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ दाल खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है, लेकिन हाई प्रोटीन और हाई प्यूरिन वाली चीजों को ही यूरिक एसिड बढ़ने का मुख्य कारण माना जाता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर प्रताप चौहान के मुताबिक, दालें विटामिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड और प्रोटीन से भरपूर होती है, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो कुछ दालों से दूरी बना लें।

मसूर दाल में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। इसके अधिक सेवन से यूरिक एसिड का लेवल बढ़ सकता है, जो लोग पहले से यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें इसे कम मात्रा में या बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।

चना दाल भी हाई प्रोटीन और प्यूरीन से भरपूर होता है। यह यूरिक एसिड के मरीजों में सूजन और जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकती है। चना दाल की जगह मूंग दाल का सेवन करना बेहतर रहेगा।

तूर यानी अरहर दाल भी हाई प्रोटीन होने के कारण यूरिक एसिड को ट्रिगर कर सकती है। इसके सेवन से गठिया के लक्षण और भी तेज हो सकते हैं, जिससे चलना-फिरना भी मुश्किल हो सकता है।

उड़द दाल का सेवन करने से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है। उड़द की दाल शरीर को गर्मी देती है और पचने में भी भारी होती है। यह यूरिक एसिड के मरीजों में सूजन, जलन और दर्द की समस्या को और बढ़ा सकती है।

एक्सपर्ट के मुताबिक, दालें जैसे अरहर, चना, मसूर, मटर और राजमा में बराबर मात्रा में प्रोटीन होता है। इन सभी दालों का सीमित सेवन यूरिक एसिड के मरीज कर सकते हैं। दालों का सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है। इसमें फाइबर भरपूर मौजूद होता है, जो बॉडी को हेल्दी रखता है पाचन को दुरुस्त करता है।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।