वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना आज यानी 1 फरवरी, 2025 को अपना आठवां बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने आम आदमी को टैक्स से राहत देने के अलावा ऑटो सेक्टर को भी बड़ी सौगात दी है, जो इस सेक्टर में तेजी लाने वाली साबित होंगी। सरकार ने ऑटो बजट 2025 में इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर मोबाइल फोन में लगने वाली बैटरी तक तमाम चीजों को सस्ता कर दिया है।
मोदी सरकारी जीरो कार्बन फुटप्रिंट की नीति पर अपनी प्रतिबद्धता पहले ही प्रदर्शित कर चुकी है और आज संसद में की गई ईवी सेक्टर के लिए घोषणाएं उसी नीति पर बढ़ाया गया कदम है। सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को रफ्तार देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के सस्ता होने की घोषणाएं की हैं, जिसमें कोबाल्ट पाउडर और अपशिष्ट, लिथियम आयन बैटरी के स्क्रैप, सीसा, जस्ता और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर छूट दी जाएगी। इन खनिजों पर मिलने वाली छूट का सीधा असर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर पड़ेगा।
संसद में वित्त मंत्री द्वारा ईवी सेक्टर के लिए की गई घोषणाओं का सीधा असर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों पर पड़ेगा, जिसमें उनको फायदा होना तय है। इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होने से इनकी बिक्री में तेजी आने की पूरी उम्मीद है।
Budget 2025 Announcement EV Sector: कंपनियों को भी होगा फायदा
इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता किए जाने की घोषणा का फायदा इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों के साथ ईवी बनाने वाली कंपनियों को भी होगा। इस घोषणा से ईवी सेक्टर को नई रफ्तार बढ़ेगी और कंपनियों के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भी पॉजिटिव ग्रोथ मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, “छूट प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची में, मैं ईवी बैटरी विनिर्माण के लिए 35 पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण के लिए 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को जोड़ने का प्रस्ताव करती हूं। इससे मोबाइल फोन और ई-वाहनों दोनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।”
वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने के लिए छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए एक राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन स्थापित करेगी। जलवायु-अनुकूल विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को देखते हुए, मिशन स्वच्छ तकनीक विनिर्माण का समर्थन करेगा। इसका मकसद घरेलू मूल्य संवर्धन में सुधार करना और सौर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटर और नियंत्रक इलेक्ट्रोलाइजर, विंड टर्बाइन और ग्रिड स्केल बैटरी के लिए हमारे इकोसिस्टम का निर्माण करना होगा।”