200 new Vande Bharat Express trains: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी 2025 को भारत के आम बजट (Union Budget 2025) की घोषणा कर दी। भारतीय रेलवे को लेकर बजट में किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई। लेकिन रेलवे को बजट में मिले आवंटन के बाद भारतीय रेलवे ने रेल यात्रा को बेहतर बनाने के लिए अपनी योजना की घोषणा कर दी।

रेलवे के मुताबिक, भारतीय रेलवे अगले दो से तीन सालों में 100 अमृत भारत, 50 नमो भारत और 200 वंदे भारत ट्रेन (स्लीपर व चेयर कार वेरियंट) चलाएगी। इन ट्रेनों के साथ ही देश में रेल कनेक्टिविटी पहले से बहुत ज्यादा बेहतर होने की उम्मीद है।

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देशभर में रेल कनेक्टिविटी सुधारने के लिए 17,500 नॉन-एसी जनरल व स्लीपर कोच मैन्युफैक्चर करने की योजना का भी खुलासा किया। बता दें कि योजना से कम आय वाले यात्रियों को बेहतर ट्रैवल एक्सपीरियंस मिलने व रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते दबाव को कम होने का इरादा है।

अश्विनी वैष्णव ने खासतौर पर बताया कि नॉन-एसी कोच के लिए रेलवे 2:3 रेशियो और एसी कोच के लिए 1:3 रेशियो मेन्टेन रखेगी। देशभर में जनरल कोच की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए एक स्पेशल मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है।

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बजट 2025-26 में सरकार ने भारतीय रेलवे को अपग्रेड करने पर फोकस रखा है और कुल 2.52 लाख करोड़ रुपये रेलवे को मिले। वैष्णव ने 4.6 लाख करोड़ रुपये के नए प्रोजेक्ट्स पर भी जोर दिया जो अगले 4 से 5 साल में पूरे होने हैं। इन प्रोजेक्ट्स में नए रेलवे ट्रैक को बिछाना, स्टेशनों का पुनर्निर्माण और तमाम फ्लाईओवर व अंडरपास का निर्माण शामिल है।

जनरल कोच की बात करें तो वैष्णव ने पुष्टि करते हुए कहा कि निर्माण कार्य पहले से चल रहा है और 31 मार्च तक 1400 कोच बनकर तैयार हो जाएंगे। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 2000 नए जनरल कोच तैयार करने का लक्ष्य है। इसके अलावा 1000 नए फ्लाईओवर बनाने की मंजूरी भी मिल चुकी है।

इसके अलावा, वैष्णव ने घोषणा की कि भारतीय रेलवे इस वित्तीय वर्ष के आखिर तक 100% इलेक्ट्रिफिकेशन हासिल कर लेगा। सेफ्टी इन्वेस्टमेंट पर सरकार के फोकस पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें रेल सुरक्षा के लिए आवंटन 1.08 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.14 लाख करोड़ रुपये और अगले वित्तीय वर्ष में 1.16 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है।

रेलवे 31 मार्च तक 1.6 बिलियन टन की माल ढोने की क्षमता हासिल करके एक प्रमुख उपलब्धि तक पहुंचने के लिए तैयार है, जिससे यह चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी माल ढोने वाली रेलवे प्रणाली बन जाएगी।