केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारियों की एक पुरानी मांग एक बार फिर चर्चा में है। कर्मचारी संगठन वर्षों से यह मांग कर रहे हैं कि कम्यूटेड पेंशन की बहाली की अवधि 15 साल से घटाकर 12 साल की जाए। हाल ही में हुई SCOVA (Standing Committee of Voluntary Agencies) की 34वीं बैठक में यह मांग फिर उठाई गई। आइए जानते हैं…

सरकारी कर्मचारी जब रिटायर होता है तो उसे पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। लेकिन कर्मचारी चाहे तो पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त ले सकता है- इसे कम्यूटेड पेंशन कहते हैं। इसके बदले कर्मचारी की मंथली पेंशन कुछ वर्षों के लिए कम हो जाती है। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, यह कटौती 15 साल तक जारी रहती है, जिसके बाद ही उनकी पूरी पेंशन बहाल होती है।

कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा लगातार घटाई जा रही ब्याज दरों को देखते हुए अब 15 साल की वसूली अवधि अन्यायपूर्ण लगती है। उनका तर्क है कि पहले सरकार को जो पैसा कुछ समय में वापस मिल जाता था, वह अब ब्याज दरों में गिरावट के वजह से कम प्रभावशाली हो गया है।

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5वें वेतन आयोग (5th pay commission) और कई राज्य सरकारें इस अवधि को 12 वर्ष तक सीमित करने की सिफारिश कर चुकी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से भी यही उम्मीद की जा रही है।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, SCOVA (Standing Committee of Voluntary Agencies) की बैठक 11 मार्च 2025 को हुई। इस बैठक में इस विषय को गंभीरता से उठाया गया। इस बैठक में वित्त विभाग ने बताया कि इस मुद्दे को अब 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) में शामिल किया जा सकता है। यानी इसका औपचारिक फैसला अब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के जरिए ही लिया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के साथ ही इस मुद्दे को SCOVA की बैठक के एजेंडे से हटा दिया गया।

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यह पहली बार नहीं है जब यह मांग उठाई गई हो। हाल ही में राष्ट्रीय परिषद के स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया था।

अब सभी रिटायर्ड कर्मचारियों की निगाहें केंद्र सरकार और आने वाले 8वें वेतन आयोग (8th pay commission) पर टिकी हैं। अगर यह मांग मान ली जाती है तो लाखों पेंशनभोगियों के लिए यह राहत की बात होगी।