Air India flight crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर को एयर इंडिया की फ्लाइट टेक ऑफ करने के तुरंत बाद क्रैश हो गई। रिहायशी इलाके में क्रैश हुई, इस फ्लाइट पर कुल 242 लोग सवार थे। एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (Air India Boeing 787 Dreamliner) की दुखद दुर्घटना के बाद जानकारों का कहना है कि बीमा कंपनियों को 120-150 मिलियन डॉलर (करीब 1000-1200 करोड़ रुपये) से ज्यादा का भुगतान करना पड़ सकता है, आइए जानते हैं…

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के साथ बातचीत में एलायंस इंश्योरेंस ब्रोकर्स में विमानन बीमा के बिजनेस हेड सौरव बिस्वास ने बताया कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का बीमा की कीमत 75-85 मिलियन डॉलर के बीच है। एविएशन बीमा में यदि यह कुल नुकसान है, तो फुल वैल्यू का भुगतान किया जाना चाहिए। इसलिए टेक्निकली बीमाकर्ता और पुनर्बीमाकर्ता अकेले hull insurance में 75-85 मिलियन डॉलर के भुगतान की उम्मीद कर रहे हैं।

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हालांकि, बिस्वास ने बताया कि क्योंकि बीमित राशि काफी ज्यादा है, इसलिए इसे आम तौर पर भारतीय बीमाकर्ता पूरी तरह से कवर नहीं करते हैं। अधिकांश रिस्क विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं द्वारा रीइंश्योरेंस किया जाता है। उन्होंने बताया, “भारतीय बीमाकर्ता का घाटा कुल विमान के अधिकतम 10% तक सीमित रहेगा, जबकि शेष विदेशी रीइंश्योरेंस कंपनी से आएगा।”

एक सरकारी बीमाकर्ता के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विमानन नीति का नेतृत्व टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस (Tata AIG General Insurance) कर रहा है, जिसे जीआईसी रे, द न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी भारतीय सह-बीमा कंपनियों का समर्थन प्राप्त है। टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस ने खबर लिखने तक फाइनेंशियल एक्सप्रेस के टिप्पणियों के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।

बिस्वास ने कहा कि हालांकि hull claims का अनुमान लगाना आसान है, लेकिन यात्री कानूनी दायित्व और तीसरे पक्ष के दायित्व को तुरंत निर्धारित करना कठिन है, लेकिन भारतीय बीमा कंपनियों पर इसका प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा, “यह राशि न्यायालय द्वारा तय की जाएगी। इसमें 2-3 साल भी लग सकते हैं।”

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हाउडेन इंडिया के सीईओ और एमडी अमित अग्रवाल का कहना है कि एयरलाइन द्वारा अंतरिम मुआवजे की घोषणा की जा सकती है, लेकिन यात्रियों के लिए अंतिम मुआवजा 1999 के मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत निर्धारित किया जाएगा, जिस पर भारत 2009 में हस्ताक्षरकर्ता बन गया।

उन्होंने कहा, “मुआवजे की गणना विशेष आहरण अधिकार (SDR) का उपयोग करके की जाती है, जो अक्टूबर 2024 तक 128,821 (लगभग US $ 1.33 प्रति SDR) था। वास्तविक भुगतान एयर इंडिया द्वारा खरीदे गए कवरेज पर निर्भर करेगा।”

ऊपर बताए गए पीएसयू जनरल इंश्योरेंस एग्जीक्यूटिव ने कहा कि अगर यात्री के रूप में 1 करोड़ रुपये की देनदारी मान ली जाए तो मृतकों के परिवारों को 240 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा, “अंतिम निपटान, जिसमें hull और अन्य देनदारियां शामिल हैं, लगभग 1,000-1,200 करोड़ रुपये हो सकता है।”