अनिल अंबानी के कारोबारी जीवन में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव आएं है। कभी उनकी नेटवर्थ जीरो हो गई थी और अब वे कमबैक करते नजर आ रहे हैं। अनिल के इस कमबैक में उनकी दो प्रमुख कंपनियां रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) और रिलायंस पावर (Reliance Power) की काफी अहम भूमिका रही है। दोनों कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ समय में काफी तेजी देखने को मिल रही है। पिछले 1 महीने में दोनों कंपनियों के शेयरों में 70 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। इस तेज बदलाव से संकटग्रस्त Reliance Group (रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह) के लिए लंबे समय से चली आ रही वापसी की उम्मीदें फिर से जगी हैं।
इस कंपनी के निवेशकों में बड़ी कानूनी राहत से उत्साह मिला है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कंपनी के खिलाफ NCLT के दिवालियेपन आदेश को निलंबित कर दिया है, जिससे एक महत्वपूर्ण बाधा दूर हो गई है। जिससे कंपनी के शेयरों में उछाल आया है। कंपनी का शेयर पिछले 1 महीने में बीएसई पर 70.41 फीसदी उछला है।
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कंपनी के शेयर में उछाल न केवल अदालती जीत के वजह से बल्कि रणनीतिक डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स के कारण भी उछाल देखने को मिली है। हाल ही में रिलायंस इंफ्रा पहली निजी भारतीय फर्म बन गई है, जिसने अगले 7-10 वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये की लागत वाले पूर्ण पैमाने पर विमान एडवांस कार्यक्रम का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन किया है।
अंनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर भी इसमें पीछे नहीं रही है। इस कंपनी के शेयर में पिछले 1 महीने में बीएसई पर करीब 84.37 फीसदी का उछाल देखने को मिला है, जो 2018 में आखिरी बार देखे गए स्तरों पर पहुंच गई है।
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अनिल अंबानी को कभी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में गिना जाता था। पिछले एक दशक में वे बढ़ते कर्ज, कानूनी परेशानियों के कारण गिरावट का सामना कर रहे थे। एक वक्त तो उन्होंने ब्रिटेन की अदालत में यह भी कहा था कि उनकी ‘शून्य नेटवर्थ’ है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के हालिया परफॉर्मेंस से पता चलता है कि कानूनी जीत, ग्रीन एनर्जी धुरी और एयरोस्पेस महत्वाकांक्षाओं के कारण सावधानीपूर्वक तैयार किया गया पुनरुद्धार चल रहा है। हालांकि, इसे पूरी तरह से बदलाव कहना काफी जल्दबाजी होगी। अनिल अंबानी के लिए, यह उस खेल में वापसी का पहला कदम हो सकता है जिस पर कभी उनका काफी दबदबा था। फोर्ब्स के अनुसार, 3 अप्रैल 2019 तक अनिल अंबानी की नेटवर्थ 1.7 बिलियन डॉलर थी।
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