योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़ी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurveda Limited) से सरकार ने कुछ संदिग्ध लेन-देन पर स्पष्टीकरण मांगा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने एक नोटिस भेजा है। आर्थिक खुफिया विभाग को कंपनी के कुछ लेन-देन असामान्य और संदिग्ध लगे हैं।
अभी तक लेन-देन की राशि का खुलासा नहीं किया गया है क्योंकि, जांच अभी शुरुआती दौर में है। नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी को करीब दो महीने का समय दिया गया है। मंत्रालय कंपनी के कामकाज और पैसे के इस्तेमाल की भी जांच करेगा। इस बारे में मंत्रालय ने तुरंत कोई जानकारी नहीं दी है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता ने भी कोई जवाब नहीं दिया है।
8वें वेतन आयोग को लागू होने में हुई देरी, तो इन्हें नहीं मिलेगा फायदा?
पहली बार यह नहीं है जब पतंजलि आयुर्वेद पर सवाल उठे हैं। पिछले वर्ष कंपनी पर टैक्स नहीं भरने और गलत तरीके से रिफंड मांगने के आरोप लगे थे। कोर्ट ने कंपनी को कुछ बीमारियों के इलाज के तौर पर अपने उत्पादों का विज्ञापन करने से भी रोक दिया था।
पतंजलि आयुर्वेद एक प्राइवेट कंपनी है। लेकिन इसकी एक यूनिट पतंजलि फूड्स लिमिटेड शेयर मार्केट में लिस्टेड है। इस महीने इसके शेयरों में करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है। सरकार से पिछले वर्ष कंपनी की एक यूनिट को कारण बताओ मिला था।
इन सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का फायदा
पतंजलि आयुर्वेद यह पहली बार नहीं है, जब सवालों के घेरे में आई है। कंपनी के एक यूनिट को पिछले साल भी टैक्स से जुड़ी गड़बड़ियों और गलत तरीके से टैक्स रिफंड लेने के आरोप में नोटिस भेजे गए थे। इसके अलावा, कंपनी को उस वक्त भी आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उसने कुछ ऐसे दावे किये थे, जिनमें यह दावा किया गया था कि वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को ठीक कर सकती हैं।
ऐसे भ्रामक दावों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी और कहा गया था कि यह ‘ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून, 1954’ का उल्लंघन है।