पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) खाताधारकों के लिए बड़ी राहत की खबर आ गई है। अब पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) में नॉमिनी डिटेल अपडेट या मोडिफाई करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। Government Savings Promotion General Rules 2018 के तहत सरकार ने ये महत्वपूर्ण बदलाव पीपीएफ खाताधारकों के लिए किए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘उन्हें हाल ही में वित्तीय संस्थानों द्वारा पीपीएफ खातों में “नामांकित विवरण को अपेडट/संशोधित” करने के लिए लगाए जाने वाले इस शुल्क के बारे में सूचित किया गया था।’

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उन्होंने कहा कि पीपीएफ खातों के लिए नॉमिनी अपडेट करने पर किसी भी शुल्क को हटाने के लिए, राजपत्र अधिसूचना 02/4/25 (Gazette Notification 02/4/25) के माध्यम से सरकारी बचत प्रोत्साहन सामान्य नियम 2018 (Government Savings Promotion General Rules 2018) में जरूरी बदलाव किए गए हैं।

बता दें कि किसी भी पीपीएफ अकाउंट के लिए नॉमिनी डिटल्स जरूरी होती हैं क्योंकि अकाउंटहोल्डर के निधन की स्थिति में अकाउंट में मौजूद फंड दिए गए बेनिफिशियरी के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है।

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उन्होंने कहा कि हाल ही में पारित बैंकिंग संशोधन विधेयक 2025 (Banking Amendment Bill 2025), जमाकर्ताओं के पैसे, सेफ कस्टडी और सेफ्टी लॉकर में रखी वस्तुओं के भुगतान के लिए 4 व्यक्तियों तक को नामांकन की अनुमति देता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड पोस्‍ट ऑफिस की एक स्‍मॉल सेविंग्‍स स्‍कीम है। इसमें 7.1 फीसदी सालाना ब्‍याज मिल रहा है। पीपीएफ में एक फाइनेंशियल ईयर में अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किया जा सकता है। ऐसा 15 फाइनेंशियल ईयर तक कर सकते हैं, जिसके बाद स्कीम मैच्‍योर होती है और ब्‍याज व मूलधन जोड़कर पूरी रकम आपको मिल जाती है। पीपीएफ में हर फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 500 रुपये निवेश करना जरूरी है। सवाल यह है कि अगर आप 15 साल तक अधिकतम रकम जमा करने का तैयार हैं तो मैच्‍योरिटी पर आपको कितना ब्‍याज और कुल कितना फंड मिलेगा

पब्लिक प्रोविडेंट फंड में बड़ा टैक्स बेनिफिट मिलता है। यह स्कीम “ई-ई-ई” श्रेणी (EEE) में आता है। इसमें एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक की जमा राशि पर टैक्स छूट ले सकते हैं। वहीं इससे मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगता, जबकि मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स के दायरे से बाहर है।