Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ हाल ही में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की ग्रेजुएशन सेरेमनी में चीफ गेस्ट के तौर पर पहुंचे थे। छात्रों और उनके माता-पिता से बात करते हुए 38 वर्षीय अरबपति ने अपने पहले बिजनेस वेंचर्स, शुरुआती नौकरियों के अनुभव और स्टॉक मार्केट की दुनिया में एंट्री जैसी कई निजी बातों को साझा किया। निखिल कामथ ने स्टॉक मार्केट का जिक्र करते हुए मुकेश अंबानी का जिक्र भी किया और खास बात है कि नीता अंबानी उनकी कही बात पर खुद को प्रतिक्रिया देने से नहीं रोक पाईं।

15 साल की उम्र में स्कूल छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने वाले निखिल ने याद करते हुए कहा कि वह मोबाइल बेचते थे। उन्होंने बताया, “यह एक अच्छा व्यवसाय था। मेरे पास पर्याप्त इन्वेंट्री थी। जब तक सारी इन्वेंट्री खत्म हुई, मुझे लगता है कि मेरे पास लगभग 10 या 20 फोन थे, और मुझे इसे करने में बहुत मजा आया।”

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कामथ ने बताया कि उनकी पहली नौकरी बेंगलुरु के एक कॉल सेंटर में थी, जिसने न केवल पैसे की दिक्कत दूर कर दी बल्कि उन्हें शेयर बाजार से भी परिचित कराया।

उन्होंने कहा, “शाम 5 बजे से रात 2 बजे की शिफ्ट में काम करने वाले एक 17 वर्षीय लड़के के लिए, बिना सोचे-समझे ब्रिटिश लोगों को अचानक से हेल्थ इंश्योरेंस बेचना, जहां आप में से बहुत सारे लोग कॉलेज जाएंगे, यह बहुत मजेदार था। इसमें बहुत ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। मुझे लगता है कि मेरा पहला वेतन लगभग 8,000 रुपये था।”

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उन्होंनने कहा कि वह फुल-टाइम नाइट शिफ्ट करते थे, इसलिए उनके पास पूरा दिन खुद के लिए होता था, और इसी दौरान उन्होंने स्टॉक मार्केट में निवेश करना शुरू किया।

“वहां [कॉल सेंटर में काम करते समय], मेरा परिचय शेयर बाजार से हुआ। उस समय, बाजार सुबह 10 बजे खुलते थे; अब वे सुबह 9 बजे खुलते हैं। मुझे नहीं पता कि मुकेश अंबानी को शेयर बाजार में कितना दिलचस्पी है…,” निखिल कामत के ऐसा कहते ही वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े। इसके बाद कैमरा नीता अंबानी की तरफ घूमा जो कामथ की बात पर रिएक्शन देती नजर आईं।

जब कामथ ने चुटकी ली तो नीता अंबानी मुस्कुराईं और अपने सिर को हिलाती दिखीं। कामथ ने आगे कहा, “लेकिन अगर यहां कोई जानता है कि कल क्या होगा, तो शायद एक वही हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “पिछले 21 सालों से मेरे पास मुख्य रूप से एक ही काम है, एक ट्रेडर का, एक निवेशक का और बाकी सब कुछ उसके बाद है। चाहें वह ब्रोकिंग हो, ऋण देना हो या एसेट मैनेजमेंट हो,” उन्होंने आगे कहा, “स्थिर रहना, प्रतिक्रिया न करना या शोरशराबे में भी ऑब्जेक्टिव बने रहना, मैंने पाया है कि शेयर बाजार और वास्तविक जीवन दोनों में सफल होने के लिए शायद यह सबसे बड़े कौशलों में से एक है।