Income Tax Returns, ITR-1 Form Issued: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बुधवार (30 अप्रैल 2025) को ITR Form 1 जारी कर दिया। आईटीआर फॉर्म रिलीज होने के साथ ही अब टैक्सपेयर्स अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं। पहले से आसान बनाए गए इस फॉर्म को उन इंडिविजुअल और कंपनियों के लिए डिजाइन किया गया है जो हाल ही में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये तक की कमाई करते हैं। फॉर्म रिलीज करने से पहले इसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं जिनमें छोटे निवेशकों के लिए नए प्रावधान भी शामिल हैं।
बता दें कि अपनी इनकम सोर्सेज और रेजिडेंशियल स्टेटस के आधार पर इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को अलग-अलग रिटर्न फाइल करना होता है। इसी हफ्ते सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्स टैक्सेज (Central Board of Direct Taxes) द्वारा बदले गए नियमों की जानकारी देने के बाद जिन इंडिविजुअल्स का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स एक वित्तीय वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक है, वे जटिल ITR-2 की जगह अब पहले से ज्यादा यूजर-फ्रेंडली रिटर्न फाइल कर सकेंगे।
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टैक्सपेयर्स अब ITR-1 के जरिए 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (लिस्टेड शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड से मिलने वाला फायदा) की जानकारी दे सकते हैं।
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अब अपडेटेड फॉर्म में LTCG गेन्स के लिए Section 112A के तहत एक अतिरिक्त सेक्शन “not chargeable to income tax” शामिल किया है। इस नए बदलाव से उन छोटे निवेशकों के लिए प्रक्रिया पहले से बहुत आसान हो गई है जो लिस्टेड इक्विटी शेयर्स, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या बिजनेस ट्रस्ट पर 1.25 लाख रुपये तक लाभ कमाते हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इस फॉर्म को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स, अचल संपत्ति से होने वाले LTCG, सेक्शन 122ए के तहत LTCG के लिए यूज नहीं किया जा सकता है, जहां टैक्स देय रहता है और आगे बढ़ाए गए या आगे बढ़ाए गए नुकसान के मामलों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
सरकार ने सेक्शन 80C, 80GG और दूसरे सेक्शंस के तहत क्लेम की जाने वाली कटौती के संबंध में भी कुछ निश्चित बदलाव किए गए हैं। और टैक्स भरने वाले लोगों के लिए फॉर्म सिलेक्ट करने के लिए यूटिलिटी में एक ड्रॉप डाउन मेन्यू भी दिया है। करदाता को ITR फॉर्म में TDS कटौती के संबध में सेक्शन-वाइज फुल डिटेल भरनी होगी।
वित्त वर्ष 2025 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। इसके बाद आईटीआर फाइल करने पर लेट फीस देनी होगी।