अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं तो फिर आपके लिए जरूरी खबर है। भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट से जुडे़ जरूरी नियम में बदलाव किया है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के अनुसार, अब स्लीपर क्लास के टिकट फर्स्ट AC में अपग्रेड नहीं किए जाएंगे, भले ही बर्थ खाली हों, आइए जानते हैं इसके बारे में…

अब स्लीपर क्लास के टिकट को केवल दो श्रेणी ऊपर तक ही अपग्रेड किया जाएगा। IRCTC के अनुसार, यह बदलाव ट्रेन में रिजर्व्ड कोचों में सीट बांटने को अधिक व्यवस्थित करने और हायर कैटेगिरी के कोचों में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए किया गया है। इस नए नियम को लागू करने के लिए सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉरमेशन सिस्टम (CRIS) अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर रही है।

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पहले वेटिंग लिस्ट वाले ट्रेन यात्री का टिकट सीट उपलब्ध न होने पर बुकिंग की गई कैटेगरी से ऊपर की कैटेगरी में अपग्रेड कर दिया जाता था। पहले स्लीपर क्लास के टिकट वाले वेटिंग यात्री को उपलब्धता के हिसाब से हायर क्लास जैसे थर्ड-AC(3A), सेकेंड AC (2A) या फर्स्ट AC (1A) में ऑटो अपग्रेड कर दिया जाता था। अब टिकट को फर्स्ट AC में अपग्रेड नहीं किया जाएगा। थर्ड AC के टिकट को अधिकतम फर्स्ट AC में अपग्रेड किया जा सकता है।

– ऑटो-अपग्रेड सुविधा का फायदा तभी मिलेगा, जब ऑटो-अपग्रेड ऑप्शन को चुना हो या फिर इसे डिफॉल्ट रूप से (Yes) पर छोड़ा हो।– अगर आपने (No) चुना है, तो टिकट अपग्रेड नहीं होगी, भले ही हायर कैटेगरी में सीटें उपलब्ध हों।– आप अगर कोई विकल्प का चयन नहीं करते हैं तो सिस्टम इसे डिफॉल्ट रूप से ‘हां’ मान लेता है।

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1 मई 2025 से भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट के लिए नए नियम लागू किए हैं। इस नियम के अनुसार, अब वेटिंग टिकट वाले यात्री को स्लीपर या AC कोच में सफर करने की अनुमति नहीं है। अब वेटिंग टिकट वाले यात्री केवल जनरल कोच में यात्रा कर सकते हैं। अगर यात्री वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करता है, उस पर जुर्माना लगेगा। यात्री को एसी के लिए जुर्माना 440 रुपए और स्लीपर के लिए जुर्माना 250 रुपए देना होगा। अब IRCTC की वेबसाइट या ऐप से बुक की जाने वाली हर ट्रेन टिकट के लिए OTP-आधारित मोबाइल सत्यापन की जरूरत होगी।