US China Trade Deal: आखिरकार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और चीन के बीच टैरिफ को लेकर सहमति बन गई है। पिछले कई सप्ताह से जारी यूएस-चीन ट्रेड वॉर फिलहाल तो रुक गया है। यूएस और चीन टैरिफ में अस्थायी कटौती पर सहमत हुए हैं जो उन्होंने पहले एक-दूसरे के इंपोर्ट पर लगाया था। इसके साथ, वाशिंगटन और बीजिंग उस ट्रेड वॉर को खत्म करना चाहते हैं जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बाधित कर दिया है और वित्तीय बाजारों को खतरे में डाल दिया है।
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका 90 दिनों के लिए चीन पर टैरिफ को पहले के 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर देगा और चीन 90 दिनों के लिए अमेरिकी सामान पर टैरिफ को घटाकर 10 प्रतिशत कर देगा। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि दोनों देश अपने व्यापार विवादों को हल करने के लिए बातचीत जारी रखने के समझौते पर पहुंच गए हैं।
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अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने जेनेवा में संवाददाता सम्मेलन में शुल्क कटौती की घोषणा की। दोनों अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने व्यापार मुद्दों पर चर्चा जारी रखने की रुपरेखा तैयार की है। दो दिन की वार्ता के बाद संवाददाता सम्मेलन में बेसेंट ने कहा कि उच्च शुल्क स्तर से दोनों पक्षों के सामान पर पूरी तरह रोक लग गई ऐसा परिणाम कोई भी पक्ष नहीं चाहता।
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जिनेवा में चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हम 90 दिनों के ठहराव पर एक समझौते पर पहुंचे हैं और रेसिप्रोकल टैरिफ पर दोनों पक्षों के टैरिफ स्तरों को काफी हद तक कम कर दिया है, इसे 115 प्रतिशत तक कम कर दिया है। हमारे बीच बहुत सकारात्मक चर्चा हुई और दोनों पक्षों ने बहुत सम्मान दिखाया।”
आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड में ट्रंप द्वारा 145 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद से यूएस और चीन के प्रतिनिधियों की पहली मुलाकात थी।
बेसेंट ने कहा, ‘‘ इस सप्ताहांत दोनों प्रतिनिधिमंडलों की आम सहमति यह है कि कोई भी पक्ष अलगाव नहीं चाहता है। इन उच्च उच्च शुल्क से जो हुआ … वह अवरोध के बराबर था। कोई भी पक्ष ऐसा नहीं चाहता। हम व्यापार चाहते हैं। हम अधिक संतुलित व्यापार चाहते हैं। मुझे लगता है कि दोनों पक्ष इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने चीन पर अमेरिकी शुल्क को बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया था और चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी आयात पर 125 प्रतिशत का शुल्क लगाया था। इतने ज्यदा शुल्क का मतलब है कि दोनों देश एक-दूसरे के उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं जिससे व्यापार बाधित हो रहा है, जो पिछले वर्ष 660 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था। अमेरिका और चीन की घोषणा से शेयर बाजारों में उछाल आया। हांगकांग के हैंग सेंग सूचकांक में करीब तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई। जर्मनी तथा फ्रांस के बाजार में 0.7 प्रतिशत की तेजी आई।