RBI Repo Rate Cut: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज (7 फरवरी 2025) को रेपो रेट में 6.25 प्रतिशत की कटौती कर दी। केंद्रीय बैंक ने करीब 5 सालों में पहली बार यह कटौती की है। 25 बेसिस पॉइन्ट्स (bps) की कटौती के साथ आरबीआई का इरादा अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को बेहतर करने का है। रेपो रेट में हुई इस कटौती से बैंक लोन ब्यार दरों में कटौती कर सकते हैं और इसके साथ ही फिक्स्ड डिपॉजिट रेट्स (FD Rates) भी कम होने की उम्मीद है।
आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो दर बैंकों की उधार लेने की लागत को प्रभावित करती है। एक उच्च रेपो दर एफडी ब्याज दरों को बढ़ाती है, जिससे जमा राशि आकर्षित होती है, जबकि कम दर, उधार लेना सस्ता करके एफडी रिटर्न को कम करती है।
आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को कोविड महामारी के कारण पैदा हुए संकट से निपटने में मदद करने के लिए आखिरी बार मई 2020 में रेपो दर को 40 आधार अंक घटाकर 4% कर दिया था। तब से, दिसंबर 2022 तक रेपो दर में लगातार वृद्धि हुई, लगातार सात बढ़ोतरी के साथ यह 6.5% पर आ गई। आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया।
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आरबीआई की 25 आधार अंक (बीपीएस) दर में कटौती, पिछले चार सालों से चली आ रही उच्च-ब्याज दर व्यवस्था (high-interest rate regime) में बदलाव का प्रतीक है, इस दौरान लगातार दरों में बढ़ोतरी ने कर्ज दरों को ऊंचा कर दिया, लेकिन बचतकर्ताओं के लिए सावधि जमा (एफडी) को और अधिक आकर्षक बना दिया। उधार लेने की लागत बढ़ने के साथ, बैंकों को डिपॉजिट आकर्षित करने और लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए हाई एफडी रेट्स की पेशकश करनी पड़ी।
हालांकि, लेटेस्ट रेट कट के साथ, बैंक कम उधार दरों के जवाब में एफडी ब्याज दरों को कम करना शुरू कर सकते हैं, जिससे निवेशकों पर प्रभाव पड़ेगा – खासतौर पर रिटायर्ड और कन्जर्वेटिव बचतकर्ताओं पर, जिन्होंने अपनी जमा राशि पर मजबूत रिटर्न का मजा लिया है। हालांकि यह प्रभाव तत्काल नहीं हो सकता है, निरंतर धीरे-धीरे एफडी दरों को नीचे लाए जाने की उम्मीद है।
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इस भविष्यवाणी के बावजूद कि आरबीआई फरवरी की मौद्रिक नीति में दर में कटौती करेगा, कई बैंकों ने हाल ही में कुछ योजनाओं पर एफडी दरों में बढ़ोतरी की है। पिछले महीने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), एक्सिस बैंक, शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक, कर्नाटक बैंक और फेडरल बैंक जैसे बैंकों ने जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए हाई रिटर्न ऑफर करते हुए अपनी सावधि जमा (एफडी) दरों को पहले ही रिवाइज कर दिया है।
कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने आरबीआई द्वारा रेपो रेट कट की उम्मीद में पहले ही अपनी एफडी दरों को एडजस्ट कर लिया है।
जनवरी में कई बैंकों ने आम नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ब्याज दरों को अपडेट कर दिया है। हम आपको बता रहे हैं किन बैंकों ने अपने एफडी रेट्स को रिवाइज किया है…
पीएनबी ने 303 दिन (7% ब्याज) और 506 दिन (6.7% ब्याज) की नई एफडी अवधि पेश की, जो 1 जनवरी से प्रभावी है। सामान्य नागरिकों के लिए, एफडी दरें 3.50% से 7.25% तक हैं, जिसमें 400 दिन की अवधि पर 7.25% की उच्चतम दर की पेशकश की गई है।
शिवालिक एसएफबी ने 22 जनवरी को अपनी एफडी दरों को अपडेट किया, जिसमें सामान्य नागरिकों के लिए 3.50% से 8.80% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 4% से 9.30% के बीच दरों की पेशकश की गई।
2 जनवरी तक, कर्नाटक बैंक ने सामान्य नागरिकों के लिए अपनी एफडी दरों को 3.50% से 7.50% के बीच रिवाइज किया। 375 दिन की अवधि पर 7.50% की उच्चतम दर उपलब्ध है।
1 जनवरी से प्रभावी, यूनियन बैंक ने अपनी एफडी दरों में बदलाव किया, 3.50% और 7.30% के बीच ब्याज की पेशकश की। 7.30% की उच्चतम दर 456-दिन की अवधि पर लागू होती है।
27 जनवरी से, एक्सिस बैंक की एफडी दरें 3% से 7.25% तक हैं, जिसमें 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि पर 7.25% की उच्चतम दर उपलब्ध है।
फेडरल बैंक ने 10 जनवरी को अपनी एफडी दरों को रिवाइज किया, जिसमें सामान्य नागरिकों के लिए 3% से 7.50% तक की दरों की पेशकश की गई। 444 दिन की अवधि पर 7.50% की उच्चतम दर उपलब्ध है।