रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगली पीढ़ी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा है कि देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती अगली पीढ़ी के आत्मविश्वास को लेकर होगी ताकि वे तेजी से बदल रहे टेक्नोलॉजिकल परिदृश्य में सफल हो सकें। मुकेश अंबानी ने कहा कि भविष्य के व्यवसायों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में कुशल होना होगा। अंबानी ने यह भी बताया कि जियो उनके लिए सबसे बड़ा जोखिम क्यों था और इस कदम के पीछे क्या कारण था?
McKinsey Asia के चेयरमैन गौतम कुमरा को दिए गए इंटरव्यू में मुकेश अंबानी ने कहा, “हमारा लक्ष्य हमेशा यही रहा है कि व्यवसाय करने का हमारा दृष्टिकोण और उद्देश्य प्रभाव-आधारित होना चाहिए। हमने महसूस किया है कि प्रौद्योगिकी जीवन को बदल देती है। हम बड़े पैमाने पर प्रभाव पैदा करना चाहते हैं, जिससे सभी भारतीयों का जीवन बेहतर हो।” अंबानी ने कहा कि रिलायंस ग्रुप हर तीन, चार या पांच साल में अपने व्यवसाय को नया रूप देता है।
मुकेश अंबानी ने रिलायंस को डीप-टेक और एडवांस्ड मैन्युफैरिंग कंपनी बनाने की अपनी योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। यह पूछे जाने पर कि क्या जियो में 25 बिलियन डॉलर का निवेश करना एक बड़ा जोखिम था? इसपर अंबानी ने कहा, “हमने हमेशा बड़े जोखिम उठाए हैं, क्योंकि हमारे लिए पैमाना महत्वपूर्ण है। अब तक हमने जो सबसे बड़ा जोखिम उठाया है, वह जियो था। उस समय, हम अपना खुद का पैसा लगा रहे थे, और मैं सबसे बड़ा शेयरधारक था। हमारी सबसे खराब स्थिति यह थी कि यह वित्तीय रूप से कारगर नहीं हो सकता था, क्योंकि कुछ विश्लेषकों का मानना था कि भारत सबसे एडवांस्ड डिजिटल तकनीक के लिए तैयार नहीं है।”
‘मुकेश अंबानी को शेयर बाजार में कितनी दिलचस्पी है’…Zerodha के निखिल कामथ की इस बात पर नीता अंबानी ने दिया रिएक्शन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर अंबानी ने कहा, “AI क्षेत्र के भीतर हमने यह कहकर अपना उद्देश्य बनाया है कि हमारा बड़ा उद्देश्य समाज के सामने कठिन समस्याओं को हल करना और राष्ट्र और लोगों के लिए धन पैदा करना है। इसके लिए, हमें हाई जोखिम वाले जीपीयू गेम में जाने की आवश्यकता नहीं है। चलो सब कुछ डाउनस्ट्रीम करते हैं। हम सर्वश्रेष्ठ लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। यदि आप अपने लक्ष्य के बारे में स्पष्ट हैं, और आप जानते हैं कि तकनीक का उपयोग कैसे किया जाता है, तो आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।”
अंबानी ने कहा कि उन्हें यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि हम भविष्य के व्यवसाय बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अनुभव के साथ हम आज से 20 साल बाद के भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं। यही कारण है कि हमने पहले पॉलिएस्टर बनाने या समय से पहले 4G बनाने में संकोच नहीं किया। यही बात अब नई ऊर्जा में हमारे नए व्यावसायिक उद्यम के बारे में भी सच है।
रिलायंस ग्रीन और स्वच्छ ऊर्जा के लिए दुनिया के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में से एक का निर्माण कर रहा है। इसमें सोलर, बैटरी, हाइड्रोजन, बायो-एनर्जी और बहुत कुछ शामिल है। अंबानी ने कहा, “रिलायंस के लिए अब बदलाव यह है कि हम एक डीप-टेक और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनने जा रहे हैं। हमने टेलीकॉम से शुरुआत की। 2021 में हमने 5G लॉन्च किया। हमने सब कुछ खुद बनाया, शुरू से अंत तक – कोर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, हर एक टुकड़ा।”
अपने पिता धीरूभाई अंबानी का हवाला देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा, “रिलायंस एक प्रक्रिया है। यह एक संस्था है जो बनी रहनी चाहिए। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि रिलायंस आपके और मेरे बाद भी बनी रहे। यह मेरी उनसे प्रतिबद्धता है कि रिलायंस हमसे आगे भी बनी रहेगी।2027 में रिलायंस अपनी स्वर्ण जयंती मनाएगा। लेकिन मैं चाहता हूं कि रिलायंस 100 साल पूरे करने के बाद भी भारत और मानवता की सेवा करना जारी रखे। मुझे विश्वास है कि ऐसा होगा। जब हम कहते हैं कि हम भविष्य के व्यवसायों में विश्वास करते हैं, तो यही हमारी मानसिकता होती है। अगर आप 1960 और 70 के दशक या 2000 और 2020 के दशक की रिलायंस के बारे में सोचते हैं, तो यह अब पूरी तरह से अलग संगठन है।”
बिजनेस में सफलता के बारे में मुकेश अंबानी कहा, “अगर आप एक अरब लोगों को प्रभावित करने वाला व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आपके पास सफलता का अच्छा मौका है, और इसके कारण आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। यह रिलायंस के डीएनए में है। हम यह पता लगा लेंगे कि हम जो करना चाहते हैं, उसे कहां तक पहुँचाया जाए। जब तक हमारे पास सही प्रतिभा है और हमारे पास सही लक्ष्य है, हम आगे बढ़ेंगे।”