भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बोर्ड ने शुक्रवार को AY 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड देने के लिए मंजूरी दे दी है। आरबीआई ने कहा कि 2024-25 के लिए ट्रांसफरेबल सरप्लस(Transferable Surplus) संशोधित Economic Capital Framework(ECF) के आधार पर तय किया गया है, जिसे 15 मई, 2025 को हुई केंद्रीय बोर्ड की बैठक में मंजूरी दी गई थी।
बोर्ड की बैठक के बाद जारी एक रिलीज में आरबीआई ने कहा कि संशोधित ECF के आधार पर और व्यापक आर्थिक आकलन को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय बोर्ड ने CRB को और बढ़ाकर 7.50% करने का फैसला किया। इसके बाद बोर्ड ने AY 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,68,590.07 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी।
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संशोधित स्ट्रक्चर में यह प्रावधान है कि Contingent Risk Buffer (CRB) के तहत रिस्क प्रावधान RBI की बैलेंस शीट के 7.50 से 4.50% के दायरे में बनाए रखा जाना चाहिए। RBI का CRB देश की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी क्राइसिस के लिए बचत है।
लेखांकन वर्ष 2018-19 (Accounting Year 2018-19) से 2021-22 के दौरान, मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण, बोर्ड ने विकास और समग्र आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सीआरबी को रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट के आकार के 5.50% पर बनाए रखने का निर्णय लिया था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सीआरबी को बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.50 प्रतिशत कर दिया गया।
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इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, आरबीआई द्वारा रिकॉर्ड डिविडेंड भुगतान से सरकार को राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) के मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। उच्च सरप्लस ट्रांसफर से सिस्टम में लिक्विडिटी की स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है। कुछ अनुमानों के अनुसार, बैंकिंग लिक्विडिटी बढ़कर लगभग 6 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है।