Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में आज (13 जून 2025) को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इजरायल के ईरान पर अटैक, वैश्विक अस्थिरता और महंगाई के चलते दोनों प्रमुख सूचकांक लाल रंग के निशान पर बंद हुए। बाजार बंद होने के समय बीएसई सेंसेक्स 573 अंक जबकि निफ्टी 50 169 अंक गिर गया। कमजोर वैश्विक बाजारों और ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर इजराइली हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आने से शुक्रवार को स्थानीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट पर रहे।
कारोबार बंद होने के समय निफ्टी 50, 169.60 अंक गिरकर 24,718.60 पर था। वहीं Sensex 573.38 अंक गिरकर 81,118.60 पर बंद हुआ।
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कारोबार के दौरान सबसे बड़े घाटे में रहने वाली कंपनियों में ऑइल मार्केटिंग कंपनियां भी शामिल हैं। एचपीसीएल (HPCL), बीपीसीएल (BPCL) और आईओसी (IOC) सभी 3% से ज्यादा नीचे हैं क्योंकि ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण ब्रेंट क्रूड 7% से अधिक बढ़ गया है। इज़राइल ने ईरान की मुख्य यूरेनियम संवर्धन सुविधा (uranium enrichment facility) पर हमला किया और संकेत दिया कि ऑपरेशन कई दिनों तक चल सकता है। अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी भारी बिकवाली का दबाव है।
सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 1,337.39 अंक तक गिरकर 80,354.59 पर आ गया था लेकिन बाद में एक हद तक संभल गया।
विश्लेषकों का मानना है कि इजराइल और ईरान के बीच पूर्ण युद्ध छिड़ने और विदेशी पूंजी के बाहर जाने की आशंकाओं के बीच निवेशकों ने जोखिम वाले शेयरों से दूर रहना बेहतर समझा। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट में सबसे ज्यादा गिरावट रही। दूसरी तरफ टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, सन फार्मा और मारुति के शेयरों में बढ़त रही।
पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 7.44 प्रतिशत उछलकर 74.52 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225, चीन का शंघाई कंपोजिट और हॉन्ग कॉन्ग का हैंगसेंग गिरावट पर बंद हुए। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बृहस्पतिवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “कमजोर वैश्विक संकेतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट रही। इजराइल द्वारा ईरान पर सैन्य हमले के बाद तनाव बढ़ने से बाजार की धारणा पर खासा असर पड़ा, जिससे निवेशकों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति काफी बढ़ गई।”
नायर ने कहा कि ब्रेंट क्रूड की कीमतें 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं, जो इस साल का उच्चतम स्तर है, जिससे तनाव जारी रहने पर मुद्रास्फीति की आशंका बढ़ गई है। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 3,831.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 823.16 अंक गिरकर 81,691.98 अंक और एनएसई निफ्टी 253.20 अंक घटकर 24,888.20 अंक पर बंद हुआ था।