मुंबई से एक रिटायर्ड प्रोफेसर के घर करोड़ों की चोरी और धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक हाउस हेल्प के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसने 82 साल के रिटायर्ड आईआईटी बॉम्बे प्रोफेसर का विश्वास जीतकर उनके घर से 1.12 करोड़ रुपये के कैश और गहने चुरा लिए। इसके साथ ही मेड ने उनके चार फ्लैटों में एक तिहाई हिस्सा हड़पकर बुजुर्ग को वृद्धाश्रम में छोड़ दिया।

जब पुणे में रहने वाले व्यक्ति के बेटे को धोखाधड़ी का पता चला तो उसने पवई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। आरोपी हाउस हेल्प की पहचान निकिता विजय नाइक के रूप में हुई है।

पुलिस के अनुसार, रिटायर्ड प्रोफेसर ए मनमोहन साल 2009 से मुंबई के हीरानंदानी गार्डन में रह रहे हैं। उनकी पत्नी और बेटा पुणे के एक अस्पताल में सर्जन हैं और पिंपरी-चिंचवाड़ में रहते हैं। उन्हें चार फ्लैटों से किराया मिलता था और वे उसी का इस्तेमाल जीवनयापन के लिए कर रहे थे। पुलिस की शिकायत के अनुसार, हेल्पर निकिता नाइक ने 2017 में मनमोहन से एक बगीचे में दोस्ती की, जहां वह टहलने जाते थे। जल्द ही, मेड ने उनका विश्वास जीत लिया और उनके घर पर काम करने लगी। वह धीरे-धीरे उसकी देखभाल करने लगी और उसने मनमोहन के परिवार के सदस्यों, संपत्तियों, बैंक बैलेंस और मुंबई में संपत्तियों के बारे में सारी जानकारी हासिल कर ली।

पवई पुलिस के अनुसार, उम्र संबंधी समस्याओं के कारण मनमोहन ने निकिता नाइक को सभी महत्वपूर्ण कार्य और जिम्मेदारियाँ दे रखी थीं। वह उनके सभी दैनिक कामों को देखती थी, मनमोहन के फ्लैटों के रखरखाव के भुगतान का प्रबंधन करती थी, रोज़ाना सब्ज़ियां और दवाइयां खरीदती थी, उन्हें सैर पर ले जाती थी और उनके बैंक से जुड़े काम भी संभालती थी। निकिता के पास मनमोहन का एटीएम पिन और नेट बैंकिंग की जानकारी भी थी।

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मनमोहन ने एफआईआर में कहा, “जैसे-जैसे मेरी नजर कम होती गई, उसने इसका फायदा उठाया और मुझे इस साल फरवरी में विक्रोली (पश्चिम) वृद्धाश्रम में भर्ती करा दिया जबकि वह जानती थी कि वहां मेरा परिवार और रिश्तेदार हैं।” एफआईआर में कहा गया है, अप्रैल में वह उन्हें कुछ कानूनी प्रक्रिया अनुपालन और चिकित्सा जांच प्रक्रिया की आड़ में रजिस्ट्रेशन ऑफिस ले गई, जहां उसने मनमोहन से डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करा कर कथित तौर पर उसके चार फ्लैटों का एक तिहाई हिस्सा, जिसकी कीमत 6 करोड़ रुपये थी, अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया। बाद में उसने पैसे ट्रांसफर करने के लिए उसके बैंकिंग क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल किया और उसके बैंक खाते और लॉकर से सभी नकदी और आभूषण निकाल लिए।

धोखाधड़ी तब सामने आई जब मनमोहन की हाउसिंग सोसाइटी कमेटी ने संदेह जताया कि उन्हें हाउसहेल्प से रजिस्टर्ड दस्तावेज मिले हैं, जिसमें सोसाइटी से अनुरोध किया गया था कि वह उनके फ्लैट का शेयर सर्टिफिकेट उनके नाम पर ट्रांसफर कर दे। संभावित धोखाधड़ी का संदेह होने पर उन्होंने मनमोहन के बेटे को सूचित किया जो मुंबई वापस लौटा और यह जानकर हैरान रह गया कि उसके पिता वृद्धाश्रम में हैं।

नाइक की धोखाधड़ी के बारे में पता चलने पर उन्होंने पवई पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रविवार को मनमोहन का बयान दर्ज कर निकिता नाइक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स