लाइटहाउस जर्नलिज्म ने पाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें पुलिस कुछ लोगों को पीटती हुई दिखाई दे रही है। आरोप लगाया गया कि पुलिसकर्मी मुसलमानों के एक समूह को पीट रहे थे।
जांच के दौरान, हमने पाया कि वीडियो पुराना था और पुलिस समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पीट रही थी।
एक्स यूजर जनार्दन मिश्रा ने भ्रामक दावे के साथ अपने प्रोफाइल पर वीडियो साझा किया।
नामजवादियों की कुटाई जिन्हें रंग से दिक्कत थी बाबा जी की पुलिस उन्हें अब बिना रंग के लाल कर रही है..!! pic.twitter.com/3EHgt5jDbk
अन्य यूजर्स भी इसी तरह के दावों के साथ यही वीडियो साझा कर रहे हैं।
नामजवादियों यदुमुल्लो की कुटाई जिन्हें रंग से दिक्कत थी बाबा जी की पुलिस उन्हें अब बिना रंग के लाल कर रही है..!! ?pic.twitter.com/lSTAP3tlZh
नामजवादियों की कुटाई जिन्हें रंग से दिक्कत थी बाबा जी की पुलिस उन्हें अब बिना रंग के लाल कर रही है..!!,,#WaqfAmendmentBill #WaqfBoard #Waqf #WaqfBoardBill”बिल लोकसभा””इमरान प्रतापगढ़ी”#AskAakash”बिल लाया””बोर्ड बिल””Shakti Upasna””मुस्लिम समाज””बिल लोकसभा””संसद भवन” pic.twitter.com/1A6LsUyXya
हमने वीडियो को InVid टूल में अपलोड किया और फिर वीडियो से कीफ्रेम प्राप्त किए। फिर हमने एक के बाद एक इन पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
हमें UPPOLICE FACT CHECK द्वारा 13 अप्रैल 2025 को की गई एक पोस्ट मिली।
#UPPFactCheckयह वीडियो सन् 2020 में JEE और NEET की परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर कानून व्यवस्था प्रभावित करने वाले व्यक्तियों पर पुलिस द्वारा किए गए आवश्यक बल प्रयोग का है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।https://t.co/qTYoejruD0 https://t.co/39VH1OzYbn pic.twitter.com/32nO3m5Q1I
पोस्ट में कहा गया था: #UPPFactCheck यह वीडियो सन् 2020 में JEE और NEET की परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर कानून व्यवस्था प्रभावित करने वाले व्यक्तियों पर पुलिस द्वारा किए गए आवश्यक बल प्रयोग का है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।
पोस्ट में UP Tak पर अपलोड किए गए वीडियो का लिंक भी शेयर किया गया है।
वीडियो चार साल पहले अपलोड किया गया था। विवरण में लिखा है: लखनऊ में NEET-JEE की परीक्षा को स्थगित करने को लेकर सुबह से बवाल.. समाजवादी पार्टी की छात्र सभा के सैकड़ों कार्यकर्ता गवर्नर हाउस के सामने इकट्ठा हो गए और बैनर-पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे..
हमें इस घटना के बारे में रिपोर्ट भी मिलीं।
रिपोर्ट में बताया गया है (अनुवाद): सोमवार को पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) की छात्र शाखा ‘समाजवादी छात्र सभा’ के सदस्यों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, क्योंकि वे अखिल भारतीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) आयोजित करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ राजभवन की ओर बढ़ रहे थे। कोविड-19 महामारी के बीच।
निष्कर्ष: समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के यूपी पुलिस के 2020 के वीडियो को हाल ही में वक्फ कानून के विरोध प्रदर्शन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।