Dawood Ibrahim Brother Noora: बॉलीवुड इंडस्ट्री का नाम अक्सर कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ जुड़ता रहा है। कई स्टार्स ने दाऊद को लेकर बात भी की है कि कैसे उनकी तरफ से फंडिंग होती थी। फिर जब दाऊद इब्राहिम भारत छोड़कर विदेश चला गया, उसके बाद भी वह इंडस्ट्री से लगातार जुड़ा रहा। हालांकि, बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि दाऊद का छोटा भाई नूर उल हक कासकर एक गीतकार था।

उसने सलमान खान और ऋषि कपूर समेत कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए चुपके से गाने लिखे थे। दाऊद का भाई नूरा के नाम से काफी फेमस था, लेकिन साल 2009 में उसकी हत्या कर दी गई। वहीं, पहले यह दावा किया गया कि नूरा की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

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बता दें कि नूरा ने ऋषि कपूर स्टारर फिल्म ‘श्रीमान आशिक’ में कुमार शानू और अलका याज्ञनिक के गाए हुए गाने ‘चूम लूं होंठ तेरे दिल की यही ख्वाहिश है’ गाना लिखा था। इसके अलावा उन्होंने सलमान खान और रवीना टंडन स्टारर फिल्म ‘पत्थर के फूल’ के लिए एसपी बालासुब्रमण्यम और लता मंगेशकर का गाया हुआ गाना ‘तुमसे जो देखते ही’ के लिरिक्स भी लिखा था।

क्राइम-इन्वेस्टिगेटिव पत्रकार एस हुसैन जैदी ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा था, “नूरा एक शायर मिजाज आदमी था।” वहीं इंडियन एक्सप्रेस के एक अंदरूनी सूत्र ने अनुसार, “दाऊद के लिए परिवार पहले था। अगर कभी इकबाल या नूरा के साथ उसका कोई मतभेद होता, तो वह किसी को भी इसके बारे में नहीं बताता। फिल्मों में ‘टपोरी’ टाइप के गाने, वह लिखता था। वह अपने भाइयों के लिए कुछ भी कर सकता था। बाकी सब बाद में आता था।”

बता दें कि नूरा कासकर का IMDb पेज भी है, जिसमें उसे 1992 में रिलीज हुई फिल्म ‘महबूब मेरे महबूब’ के गीतकार के रूप में श्रेय दिया गया है और इसमें मोहनीश बहल भी थे। इंडियन एक्सप्रेस ने 2009 में बताया था कि नूरा की मौत दिल का दौरा पड़ने से कराची में 51 साल की उम्र में हुई थी, लेकिन फिर दो हफ्ते बाद बताया गया कि उनकी मौत का असली कारण हत्या थी।

नूरा को कथित तौर पर कराची में दाऊद के घर के बाहर से अगवा कर गोली मार दी गई और फेंक दिया गया। अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के रूप में 50 मिलियन डॉलर की मांग की थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, “नूरा पर कस्टम अधिकारी राजिंदर सिंह की हत्या के अलावा जबरन वसूली और अपहरण के आठ मामले दर्ज थे।”

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपनी मौत से कुछ हफ्ते पहले नूरा दाऊद के कई साथियों के नक्शेकदम पर चलते हुए भारत लौटने की कोशिश कर रहा था। उसने अपने वकील से भी संपर्क किया और पूछा था कि क्या उसके पास कोई लंबित मामला है। 2009 में उसके वकील श्याम केसवानी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “वह भारत लौटने के लिए तरस रहा था।”

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