12 जून को अहमदाबाद प्लेन क्रैश वाली घटना को लेकर फ्लाइंग बीस्ट यानी गौरव तनेजा लगातार नए-नए अपडेट दे रहे हैं। वो हर वो संभव कारण पता लगाने और अपने यूजर्स तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरव ने एक वीडियो में बताया था कि डुअल इंजन फेलियर के कारण ये हादसा हो सकता है, फिर उन्होंने ये भी आशंका जताई कि ओवरलोडिंग भी इस दुर्घटना का कारण हो सकती है। साथ ही जो लोग हादसे के लिए पायलटों की गलती बता रहे थे गौरव ने उनको भी करारा जवाब दिया था। अब उन्होंने एक और वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है, जिसमें वो बता रहे हैं कि शायद पायलट ने गलत इंजन बंद किया हो और प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो।
गौरव ने बताया कि जो डाटा उन्होंने एक्सेस किया है और जिन विशेषज्ञों से बात की है, उसके आधार पर उनके पास अपने अनुभव के आधार पर कुछ थ्योरी हैं। उन्होंने कहा कि वो किसी व्यक्ति या संगठन को जिम्मेदार ठहराकर किसी कानूनी पचड़े में नहीं फंसना चाहते। उन्होंने फ्यूल कंटेमिनेशन और पक्षियों के हमले से जुड़े कई थ्योरी को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मॉडर्न एयर क्राफ्ट एक पूरी तरह से फंक्शन कर रहे इंजन पर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से लैस होते हैं, मॉडर्न प्लेन में डुअल इंजन फेलियर भी अनसुनी घटना है।
तनेजा ने कहा कि एयर इंडिया की फ्लाइट 171 ने देर से उड़ान भरी, जो शायद इसलिए हुआ क्योंकि रनवे पर एक इंजन फेल हो गया था। उन्होंने कहा कि टेकऑफ के वीडियो फुटेज में विमान के उड़ान भरते ही धूल का एक बड़ा बादल दिखाई दे रहा है, जो बताता है कि ये रनवे के एंड के करीब था। गौरव ने कहा कि जब गड़बड़ होने लगी थी तो पायलटों के पास ये समझने के लिए आधा मिनट था, लेकिन शायद वो इंजन के ओवर लोड होने और इंजन फेलियर से दंग रह गए थे।
गौरव ने कहा, “पहली चौंकाने वाली जानकारी जो हमें मिली, वो ये थी कि विमान ने सामान्य से ज्यादा रनवे का इस्तेमाल किया। इससे मुझे यकीन हो गया कि मैं गलत दिशा में जा रहा था… विमान अधिकतम टेक ऑफ वजन के करीब था, जो 2.20-2.25 टन है। चूंकि पायलटों ने टेकऑफ के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया था, इसलिए हमें ये मानना होगा कि इंजन में जो भी खराबी हुई, वो तब हुई जब वापस लौटने का ऑप्शन नहीं बचा था। वो रनवे पर एक पॉइंट तक ही टेक ऑफ को रोक सकते थे… अगर दोनों इंजन फेल हो गए होते, तो विमान उड़ान ही नहीं भर पाता। लेकिन एक इंजन के खराब होने के बावजूद, इसने उम्मीद से ज्यादा रनवे लिया।”
तनेजा ने बताया कि वजन का यहां अहम रोल है, क्योंकि विमान जितना भारी होता है, उतना ही ज्यादा फ्यूल जलता है। यही कारण है कि एयरलाइनें यात्रियों से ज्यादा सामान के लिए पैसे लेती हैं। उन्होंने कहा, “कल्पना करें कि अगर विमान ओवरलोड हो गया और रनवे पर एक इंजन फेल हो गया। पायलटों को जरूर होश आया होगा। उन्होंने एयरपोर्ट की दीवार देखी होगी और सोचा होगा कि विमान ने उड़ान क्यों नहीं भरी… वो पहले से ही इंजन फेल होने और उड़ान में देरी को लेकर तनाव में थे। उनका ध्यान भटक गया था। उन्हें लगभग 100 फीट की ऊंचाई पर लैंडिंग गियर को ऊपर खींचना था। अब, ध्यान से सुनिए। वे क्षतिग्रस्त इंजन के साथ 100-150 फीट तक चढ़ गए और लैंडिंग गियर को ऊपर खींचना भूल गए। बोइंग 787 में, इंजन फेल होने की स्थिति में पायलटों को ‘मेमोरी आइटम’ का पालन करना होता है। जब वे 400 फीट पर पहुंचे, तो पायलट ने ‘उड़ान’ भरते हुए दोषपूर्ण इंजन के लिए थ्रस्ट आइडल स्विच को खींच लिया और पायलट ने ‘मॉनीटरिंग’ करते हुए गलत इंजन के लिए ईंधन नियंत्रण स्विच को खींच लिया… एक इंजन जमीन पर क्षतिग्रस्त हो गया, दूसरे इंजन को उन्होंने खुद ही नष्ट कर दिया।” इससे पहले भी गौरव ने प्लेन क्रैश होने का कारण बताते हुए एक वीडियो बनाया था। पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…