साल 2003 में आई फिल्म ‘बागबान’ एक पारिवारिक फिल्म है, जिसमें बुढ़ापे में कुछ मां-बाप के साथ होने वाले बर्ताव के बारे में दिखाया गया है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी वो पीड़ित पेरेंट्स दिखाए गए हैं। जिनके चार बेटे हैं, लेकिन कोई एक भी उनकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं। जब ये फिल्म आई थी तो हेमा मालिनी इस रोल के लिए राजी नहीं थीं, उनके मन में ये सवाल था कि वो 4 बड़े-बड़े लड़कों की मां का किरदार कैसे निभा पाएंगी।
जी हां! बहुत से लोग नहीं जानते कि हेमा ने शुरू में फिल्म को ठुकराने के बारे में सोचा था। लेहरन रेट्रो के साथ एक पुराने इंटरव्यू में, दिग्गज अभिनेत्री ने अपनी हिचकिचाहट के पीछे का कारण शेयर किया था। उन्होंने बताया था कि जब निर्देशक रवि चोपड़ा उनके घर कहानी सुनाने आए थे, तो उनकी मां भी वहां पर मौजूद थीं।
हेमा ने उस दिन के बारे में याद करते हुए कहा था, “मुझे याद है कि जब मैं रवि चोपड़ा से कहानी सुन रही थी, मेरी मां बैठी हुई थीं। उनके जाने के बाद, मैंने उनसे कहा, ‘चार इतने बड़े-बड़े लड़कों की मां का रोल करने को बोल रहे हैं… मैं ये सब कैसे कर सकती हूं?’ फिर उन्होंने कहा, ‘नहीं, नहीं तुम्हें ये फिल्म करनी ही होगी।’ और मैंने उनसे पूछा कि क्यों। उन्होंने कहा, ‘कहानी बहुत अच्छी है, तुम्हें ये करनी ही होगी।’ और वो सच में मेरे पीछे पड़ गई थीं। तो मैंने सोचा, ठीक है, मैं ये करूंगी।”
हेमा ने आगे कहा, “क्योंकि पहले मुझे लगा कि इससे पहले, मैं बहुत ज्यादा फिल्में नहीं कर रही थी, इसलिए लंबे ब्रेक के बाद मैं काम कर रही थी। तो मुझे लगा, मुझे ये क्यों करनी है? लेकिन उन्होंने कहा, ‘तुम्हें ये करना ही होगा, ये रोल बहुत अच्छा रहेगा।’”
दिलचस्प बात ये है कि हेमा मालिनी अकेली नहीं थीं जिन्हें ये रोल ऑफर हुआ था। कम ही लोग जानते हैं कि पूजा मल्होत्रा का रोल पहले तब्बू को ऑफर हुआ था। हालांकि उन्हें स्क्रिप्ट और किरदार पसंद आया, लेकिन तब्बू ने इस रोल को एक्सेप्ट नहीं किया, क्योंकि वो 36 साल की उम्र में चार बच्चों की मां का किरदार निभाने में झिझक रही थीं। बाद में वो आर. बाल्की की ‘चीनी कम’ में अमिताभ बच्चन के साथ नजर आई थीं। यहां तक कि अमिताभ बच्चन भी फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद नहीं थे। ये भूमिका पहले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार को ऑफर की गई थी, जिन्होंने अंततः इसे ठुकरा दिया था।