राजस्थान के बीकानेर में 4 फरवरी 1984 को जन्मे संदीप आचार्य ने अपनी मधुर आवाज से जजेस को हैरान कर दिया था। संदीप अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। बचपन से ही उन्हें गाने का शौक था। सिंगिंग के साथ-साथ संदीप पढ़ाई में भी अच्छे थे। साइंस में ग्रेजुएशन करने वाले संदीप स्कूल में अक्सर गाना गाया करते थे और उन्होंने कई इंटर-स्कूल सिंगिंग कॉम्पटीशन में हिस्सा लिया। वे बीकानेर शहर में पॉपुलर हो गए थे।
साल 2004 में संदीप आचार्य ने राजस्थान के एक सिंगिंग कॉम्पटीशन ‘गोल्डन वॉयस ऑफ राजस्थान’ में हिस्सा लिया, जिसमें वे रनर-अप रहे। इसके बाद उन्हें इंडियन आइडल में मौका मिला। इंडियन आइडल का पहला सीजन अभिजीत सावंत ने जीता था और जब दूसरा सीजन आया, तो संदीप आचार्य ने उसमें हिस्सा लिया। उन्होंने मेहनत और लगन से शो में अपनी जगह बनाई और इंडियन आइडल 2 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। अब सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरा देश संदीप का फैन हो गया।
संदीप ने इंडियन आइडल जीतने के बाद शोहरत की बुलंदियों को छुआ। महज 22 साल की उम्र में उन्हें चमचमाती ट्रॉफी, मारुति बलेनो कार और सोनी बीएमजी का एक करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला। इसके बाद उन्होंने कई सोलो एल्बम निकाले और रियलिटी शो ‘जलवा फोर टू का वन’ में भी हिस्सा लिया।
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संदीप को नाम, दौलत और शोहरत सब कुछ मिला। जहां भी जाते, फैंस ऑटोग्राफ के लिए लाइन लगाते। उन्हें कई लाइव शोज़ के ऑफर मिलते थे और वे साल में 60-65 शोज करते थे, जिनके लिए वे प्रति शो 2 से 3 लाख रुपये फीस लेते थे।
ना सिर्फ भारत में, बल्कि अमेरिका में भी उनके शोज़ होते थे। अमेरिका में उन्हें ‘बेस्ट न्यू बॉलीवुड टैलेंट’ अवॉर्ड दिया गया। साल 2012 में उनकी शादी बीकानेर की लड़की नम्रता से हुई।
शादी के कुछ समय बाद नम्रता प्रेग्नेंट हुईं, लेकिन उसी दौरान संदीप की तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें पीलिया हुआ है, लेकिन कहा कि घबराने की बात नहीं है और वे जल्द ठीक हो जाएंगे। दवाओं का असर भी हुआ और उनकी हालत में सुधार हुआ। अस्पताल से लौटने के बाद वे एक शादी में गए, जहां उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई। उन्हें बीकानेर के एक अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सलाह दी कि उन्हें दिल्ली ले जाया जाए।
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इसके बाद परिवार उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल लेकर गया। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है और वे ठीक हो जाएंगे, लेकिन अगले ही दिन, 15 दिसंबर 2013 को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उनका निधन हो गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके गुर्दे (किडनी) ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उस वक्त संदीप आचार्य की उम्र सिर्फ 29 साल थी। उनकी बेटी का जन्म 20 दिन पहले ही हुआ था, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के कारण वे उसे देख भी नहीं पाए। यह उनकी पत्नी और पूरे परिवार के लिए बहुत बड़ा सदमा था। मधुर आवाज से सबको मंत्रमुग्ध कर देने वाले संदीप की आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई।