बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और लेखक अख्तर अपने बेबाक बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। इस बार उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर फिल्म इंडस्ट्री की चुप्पी पर उठते सवालों का जवाब देते हुए अपनी राय रखी है। द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने बेबाकी से कहा कि हर किसी से यह उम्मीद करना कि वो हर मुद्दे पर बोले, ये न तो व्यावहारिक है और न ही ज़रूरी। जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि वो हमेशा खुलकर अपनी राय रखते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि सभी लोग ऐसा करें।
जावेद अख्तर ने कहा-
“भैया मैंने तो बोला, मैं तो बोलता हूं। कभी-कभी लोगों को मेरा बोलना बुरा लगता है, कभी-कभी अच्छा लगता है। मगर मुझे तो जो सच लगता है वो बोल देता हूं। अब कौन नहीं बोलता है। बहुत से पॉलिटिकल लोग भी होते हैं।”
उन्होंने आगे समझाया कि कुछ लोग अपने प्रोफेशन में इतने बिजी होते हैं कि उन्हें राजनीतिक मामलों की जानकारी ही नहीं होती है।जावेद अख्तर ने कहा-
“मैं एक बात बताऊं, मैं इसको समझता हूं, जब मैं जवान था, हालांकि मैं ऐसे परिवार से आया था जो पॉलिटिकली कॉन्शियस फैमिली थी, उसके बावजूद जब मेरी फिल्में एक के बाद एक, एक के बाद एक हिट हो रही थीं तब मुझे कुछ नहीं मालूम था कि पॉलिटिक्स में क्या हो रहा है? मैं तो शायद अखबार भी नहीं पढ़ता।”
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इस बातचीत में जावेद अख्तर ने ये भी बताया कि कुछ लोग जान-बूझकर नहीं बोलते क्योंकि वो और पैसा, और नाम कमाने में लगे होते हैं। जावेद ने कहा-
“तो ऐसा होता है कुछ लोग अपने धंधे में बिजी हैं और वो अपने काम में लगे हुए हैं तो नहीं पता होता। ना बोले ना बोले, उसमें क्या है, बहुत लोग बोल रहे हैं। कुछ लोग दूसरे चक्करों में लगे हुए हैं उन्हें पैसा अभी और कमाना है। थोड़ा नाम और कमाना है, कमाने दो। जरूरी नहीं कि हर एक से कहे कि आप क्यों नहीं बोल रहे?”
जावेद ने इस दौरान एक दिलचस्प किस्सा भी शेयर किया और उन लोगों पर भी सवाल उठाया जो खुद किसी मुद्दे पर कभी नहीं बोलते मगर दूसरों से आवाज़ उठाने की उम्मीद रखते हैं, जावेद ने कहा-
“एक दो दिन पहले ऐसे ही जलसा था, लोग थे, वहां किसी ने कहा, बॉलीवुड वाले ऐसे तो बड़ी नेशनल फिल्में तो बनाते हैं, लेकिन देखिए इस इशू पर बहुत चुप है कुछ बोल नहीं रहा। तो मैंने उनसे कहा एक तो बॉलीवुड जो आपने नाम लिया- यही एंटीनेशनल नाम है। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को आप बॉलीवुड कहते हैं। दुनिया में हॉलीवुड से टक्कर लेने वाली सिर्फ एक इंडस्ट्री है वो इंडियन फिल्म इंडस्ट्री है। यूरोप इंडस्ट्री को तो खत्म कर दिया। आप उसे बोल रहे हैं बॉलीवुड। बाकी आपको पसंद है बोलना, तो ये बताइए पिछले 15 सालों में आप तो बिजनेसमैन हैं, सरकार की कौन सी पॉलिसी या रूल पर आपने बोला है कि ये मुझे पसंद नहीं उठा नहीं वो। तुम क्या बोल रहे हो कौन बोल रहा कौन नहीं? तुम बोलते हो? हर आदमी को तब कहो जब खुद बोलते हो। जहां कंवीनियंट है बोलना वहां तो आसान है बोलना, जहां खतरा है वहां बोलकर दिखाओ। बोलो पहले फिर दूसरों को बोलना- कौन बोल रहा कौन चुप है।”
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जावेद अख्तर अपने इस इंटरव्यू के बाद एक बार फिर से चर्चा में हैं।