मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी टीवी अभिनेत्री बुशरा अंसारी की टिप्पणियों का करारा जवाब दिया है। विवाद तब शुरू हुआ था जब जावेद अख्तर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्ट्रेस बुशरा अंसारी ने जावेद अख्तर पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें तो मुंबई में किराए पर मकान भी नहीं मिलता।

अब द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने बुशरा अंसारी के इस बयान पर तीखा जवाब दिया है। जावेद अख्तर ने कहा, “मैं और शबाना सड़क पर सोते हैं, ना आजकल। सही कह रही हो।” उन्होंने आगे कहा, “ये बहुत दिन पहले हुआ था, आज से 20-25 साल पुरानी बात है। शबाना इन्वेस्टमेंट के लिए फ्लैट खरीदना चाहती थी किसी बिल्डिंग में और उन्हें नहीं दिया गया। ब्रोकर ने साफ बता दिया कि मुसलमान को फ्लैट नहीं देना है।”

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जावेद अख्तर ने इस घटना के पीछे के सामाजिक और ऐतिहासिक कारण गिनाएं, उन्होंने कहा, “ये कौन लोग थे? ये वो लोग थे, जिनके बाप-मां सिंध में रहते थे। जिन्हें तुमने सिंध से निकाला, उनकी जमीन जायदाद, समाजी इज्जत, पेशा सब कुछ उससे छीन लिया। उन्हें निकाल दिया, वे रिफ्यूजी की तरह यहां आए। यही गरीब सिंधी सड़कों पर कपड़े बेचते थे, छोले बेचते थे। अपनी मेहनत से इन्होंने अपनी एक पोजीशन बनाई, लेकिन उनके साथ क्या हुआ था ये बिटरनेस उनमें है। वो बिटरनेस हम पर निकल जाती है। तो इसका जिम्मेदार कौन है? ये हैं? या तुम हो? जिन्होंने इन्हें निकाला था, और तुम हमें बता रही हो कि उसने घर नहीं दिया। उसने घर नहीं दिया था तो तुम्हारी वजह से नहीं दिया था। क्योंकि तुमने निकाला था उसे सिंध से।”

बुशरा अंसारी ने जावेद अख्तर को चुप रहने की सलाह देते हुए कहा था, “हया करो और चुप मारके बैठो।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जावेद अख्तर ने कहा, “वो कौन होती हैं मुझे यह बताने वाली कि मुझे कब बात करनी चाहिए और कब नहीं?”

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जावेद अख्तर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं मुंबई में रहता हूं, मैं एक नॉन महाराष्ट्रियन हूं जो 19 साल की उम्र में मुंबई गया था। वहां पर मेरा कुछ काम ठीक चल गया, मेरा नाम हो गया, मेरा घर है, सब कुछ है। कल को कोई मुझे बोले 24 घंटे से पहले एक पोटली में जितना सामान बंधता है बंधे और निकल जाओ मुंबई छोड़कर कहीं भी, और मैं वहां से सब अपना घर बार अपनी रेप्युटेशन, अपना पैसा, अपनी दौलत, अपनी पहचान, अपने दोस्त सब छोड़कर चलूं, रास्ते में भी मेरे कुछ साथी मारे जाएं। फिर एक टेंट में मुझे बिठा दें, जहां खाना भी मुझे लाइन में लगकर प्लेट लेकर लेना पड़े। कैसा लगेगा मुझे, ये आदमी जिसने मुझे घर नहीं दिया था उसके साथ ये हुआ था।”

उन्होंने आगे कहा, “तुम उसे ब्लेम कर रही हो, तुम अपने गिरेबान में झांको। अगर हमारे साथ ये हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन है? ये तो एक वाकया है, इसी मुल्क में हमें कितनी इज्जत कितना प्यार मिला, हमारा मुल्क है भाई क्यों नहीं मिलेगा? तुम हमें बताओगी कि हम कब चुप रहे, कमाल की बात है।”

जावेद अख्तर ने इसी इंटरव्यू में ऑपरेशन सिंदूर पर बॉलीवुड की चुप्पी पर भी जवाब दिया है। यहां क्लिक करके पढ़ें।