वरिष्ठ गीतकार और स्क्रीन राइटर जावेद अख्तर, जो राष्ट्रीय मुद्दों पर हमेशा बेबाकी से अपनी राय रखते हैं, उन्होंने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बॉलीवुड हस्तियों की कथित चुप्पी के बारे में बात की है। जो जम्मू और कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक आतंकवाद विरोधी अभियान था। उन्होंने इस कदम के लिए सरकार की प्रशंसा भी की है।

द लल्लनटॉप के साथ एक इंटरव्यू में, जावेद अख्तर से पूछा गया कि कई एक्टर्स और फिल्म निर्माताओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी करने या सार्वजनिक रूप से सरकार के प्रयासों को स्वीकार करने से परहेज क्यों किया है। जावेद ने पर तुरंत जवाब दिया।

उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में बात की, मैं चुप नहीं रहा। कभी-कभी लोगों को मेरी बात पसंद नहीं आती, कभी-कभी उन्हें पसंद आती है। लेकिन मैं वही कहता हूं जो मुझे लगता है कि सच है। अब कौन नहीं बोलता। मुझे कैसे पता चलेगा? बहुत से लोग अराजनीतिक भी हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “देखिए, जब मैं छोटा था, भले ही मैं एक राजनीतिक रूप से जागरूक और बहुत मुखर परिवार से था… लेकिन जब मेरी फिल्में एक के बाद एक हिट हो रही थीं, तो मुझे पता ही नहीं था कि राजनीति में क्या चल रहा है… शायद मैंने अखबार भी नहीं पढ़ा होगा। तो ऐसा होता है। कुछ लोग बस अपने काम में व्यस्त रहते हैं… अगर वे नहीं बोल रहे हैं, तो कोई बात नहीं। इसमें बड़ी बात क्या है? कुछ लोग बोल रहे हैं। बहुत से लोग बोल रहे हैं। दूसरे लोग अलग-अलग लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं… वे ज्यादा पैसा या शोहरत कमाना चाहते हैं। उन्हें बोलने दें। हर किसी के लिए बोलना जरूरी नहीं है, या हमें ये पूछना जरूरी नहीं है कि उन्होंने क्यों नहीं बोला।”

इसके बाद जावेद ने एक मशहूर बिजनेसमैन से जुड़ी एक हालिया घटना शेयर की, जिसने इसी विषय पर उनसे सवाल किया था। बिजनेसमैन ने कहा था, “आपके बॉलीवुड वाले जो हैं, राष्ट्रवादी फिल्में तो बहुत बनाते हैं… पर इस मामले पर सब चुप हैं।” इस बात का जिक्र करते हुए जावेद ने कहा, “सबसे पहले, ‘बॉलीवुड’ शब्द ही एक राष्ट्र-विरोधी नाम है। आप भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को ‘बॉलीवुड’ कहते हैं? दुनिया में, अगर कोई इंडस्ट्री हॉलीवुड से मुकाबला कर सकती है, तो वो इंडियन फिल्म इंडस्ट्री है। इसने यूरोपीय सिनेमा को लगभग खत्म कर दिया है। हमारी फिल्में औसतन 136-137 देशों में रिलीज होती हैं… और आप इसे बॉलीवुड कहते हैं?”

जावेद ने आगे कहा, “और अगर आप ये कहना पसंद करते हैं कि एक व्यक्ति को हर मुद्दे पर बोलना चाहिए… तो खड़े होकर मुझे बताएं, पिछले 15 सालों में, आप एक बिजनेसमैन हैं, क्या आपने कभी किसी सरकारी नीति, टैक्सेशन  या किसी नियम के खिलाफ आवाज उठाई है जो आपको पसंद नहीं है? फिर आप क्यों कह रहे हैं कि दूसरे लोग न बोलें? क्या आप बोलते हैं? जिस पल आपको थोड़ा भी डर लगता है, आप चुप हो जाते हैं। दूसरों से तभी बोलने की उम्मीद करनी चाहिए जब वे खुद बोलें। जब सुविधा हो तब बोलना आसान होता है… जब जोखिम हो तब बोलने की कोशिश करें।”

बता दें कि इसी इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने पाकिस्तानी एक्ट्रेस बुशरा अंसारी के एक बयान का रिएक्शन भी दिया। जिसमें जावेद ने उन्हें करारा जवाब दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…