भोजपुरी सिनेमा और गानों पर अक्सर अश्लीलता का ठप्पा लगता रहा है। यहां के गानों और फिल्मों में द्विभाषिय शब्दों के इस्तेमाल पर अक्सर विवाद होता रहा है। मेकर्स का कहना होता है कि वो इस पर काम कर रहे हैं और वो भोजपुरी को इस शब्द से छुटकारा दिलाना चाहते हैं। द्विभाषिय शब्दों के इस्तेमाल की वजह से ही आज तक भोजपुरी से अश्लीलता का ठप्पा हट नहीं पाया है। इसकी वजह से आलोचनाओं को भी सामना करना पड़ता है। इसी बीच अब शिक्षक खान सर ने भोजपुरी गानों की आलोचना की है। उन्होंने इसे लेकर कहा कि यहां के लोग शरीर के अंगों से बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं। चलिए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।

अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले खान सर हाल ही में एबीपी न्यूज से बात करते हुए नजर आए थे। उन्होंने इस इवेंट में पहुंचकर काफी मुद्दों पर अपने विचार रखे थे। इसी बीच वो भोजपुरी फिल्मों और गानों का भी जिक्र करते हुए नजर आए थे तो उनसे भोजपुरी गानों को लेकर सवाल किया गया था कि वो भोजपुरी गाने सुनते हैं? इस पर यूपीएससी के शिक्षक खान सर कहते हैं, ‘देखिए पैसे का जो स्टेटस होता है वो सिटी वाइस सिटी तय होता है, जिसके पास मुंबई में एक लाख रुपए होगा वो शायद कुछ ना कर पाए। वही जाया जाए लखनऊ, गोरखपुर, इलाहाबाद, पटना तो वही एक लाख बहुत हो जाएगा। गांव पर अगर आपने बोलेरो ले लिया तो आप मत पूछिए कि क्या हो गए हैं। वो फुल साउंड में गाना बजाकर मस्त घूमेगा।’

अब यहां पर खान सर के भोजपुरी गाने के जिक्र के बाद उनसे सवाल किया जाता है कि वो भोजपुरी गाने और फिल्म देखते हैं? इस पर शिक्षक खान सर कहते हैं, ‘उतना नहीं देखते हैं। हमारे यहां पर भोजपुरी में एक समस्या है, जो भोजपुरी के अच्छे कलाकार थे तो बहुत सारे लोग रहे नहीं। जैसे हमारी शारदा सिन्हा जी, क्या लाजवाब गाती थीं। उनके गाने के बिना छठ तो होता ही नहीं था और जो बड़े-बड़े कलाकार थे वो राजनीति में चले गए। फिर बच गए थोड़े और उस पर हावी हो गए ये ऑर्केस्ट्रा वाले। अब हमारी भोजपुरी इंडस्ट्री सीमित हो गई है और हावी हो गए हैं ऑर्केस्ट्रा वाले। उनका कोई एथिक्स कोई मोरल नहीं है। वो कुछ गा देते हैं।’

भोजपुरी फिल्मों के द्विभाषिय टाइटल की चर्चा पर आगे खान सर कहते हैं, ‘अरे कुछ भी कर देंगे। कुछ उल्टा…अभी शरीर के अंगों से बाहर ही नहीं निकले हैं। अभी उसी पर गाना बजा रहे थे। पेट पर हेलिकॉप्टर उतरबो…कुछ भी गाना गा देंगे। कुछ भी कि माथा पर कि पेट पर हेलिकॉप्टर उतार देंगे। इनका कोई स्टैंडर्ड ही नहीं है। कुछ भी गा दो कुछ भी।’

दिनेश लाल यादव निरहुआ हाल ही में रजत शर्मा के शो ‘आपकी अदालत’ में पहुंचे थे। यहां पर उनसे भोजपुरी में अश्लीलता को लेकर सवाल किया गया था। इस पर एक्टर ने कहा था कि भोजपुरी सिनेमा को बिना वजह के ही बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखते हुए कहा था कि उनकी इंडस्ट्री ने अश्लीलता कहीं और से नहीं बल्कि हिंदी फिल्मों से ही सीखी है। जुबली स्टार ने सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘चोली के पीछे क्या है’ से लेकर ‘सरकाई लो खटिया जाड़ा लगे’ के बारे में कोई कुछ क्यों नहीं बोलता? वो यहीं नहीं रुकते हैं आगे कहते हैं कि ‘सुबह से लेकर शाम तक, रात से लेकर सुबह तक’ तो ये क्या है. इनमें क्या दिखाया जा रहा है।

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