Manoj Kumar Net Worth: ‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर वरिष्ठ बॉलीवुड अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार ने आज (4 अप्रैल 2025) को 87 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उनका निधन हुआ। जानकारी के मुताबिक, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इसी कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के बाद तमाम दिग्गज हस्तियों जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी है। मनोज कुमार ने कई दशकों तक भारतीय सिनेमा में अपना योगदान दिया है जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। दादा साहब फाल्के और पद्मश्री जैसे पुरस्कारों से सम्मानित दिग्गज अभिनेता के पास कितनी संपत्ति थी? उनके जाने के बाद लोग जमकर गूगल पर उनकी नेट वर्थ सर्च कर रहे हैं। चलिए हम आपको बताते हैं मनोज कुमार की नेट वर्थ (Manoj Kumar Net Worth) के बारे में…
दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का निधन, 87 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
भारतीय अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी है। लेकिन बॉलीवुड में उन्हें मनोज कुमार के नाम से पहचान मिली। 13 जुलाई, 1987 को पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार को देश में ‘भारत कुमार’ के नाम से जाना जाता है।
Celebrity Net Worth नाम की वेबसाइट जिस पर सेलिब्रिटीज की संपत्ति की जानकारी रहती है, उसके मुताबिक, मनोज कुमार की कुल संपत्ति 20 मिलियन डॉलर (करीब 170 करोड़ रुपये) नेट वर्थी। वहीं The Hindu के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 1.1 लाख डॉलर थी। गौर करने वाली बात है कि गोस्वामी टावर के नाम से एक बड़ी बिल्डिंग मनोज कुमार के नाम ही है। फिल्मों में अभिनय और डायरेक्टर के तौर पर तगड़ी कमाई करने के अलावा मनोज कुमार की कई संपत्तियां भी हैं जिनसे वो मोटी कमाई कर रहे थे।
मनोज कुमार ने यह संपत्ति एक्टिंग, डायरेक्शन और रियल एस्टेट निवेश के जरिए बनाई थी। ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों ने उन्हें खूब लोकप्रियता और पहचान दिलाई। वहीं निर्देशन में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी, जिसमें ‘मैदान-ए-जंग’ उनकी आखिरी फिल्म रही।
उन्होंने पूर्व और पश्चिम के बीच सांस्कृतिक अंतर के विषय पर 1970 में ‘पूरब और पश्चिम’ फिल्म बनाई। इस फिल्म ने भी बड़ी सफलता हासिल की। देशभक्ति और सामाजिक विषयों पर आधारित फिल्मों के प्रति उनके झुकाव के कारण वह ‘भारत कुमार’ के नाम से लोकप्रिय हुए। उनकी सफल फिल्में ‘रोटी कपड़ा और मकान’ तथा ‘क्रांति’ भी इन्हीं विषयों पर आधारित थीं।