एक्ट्रेस और ‘बिग बॉस’ फेम पवित्रा पुनिया अकसर किसी ना किसी कारण से चर्चा में रहती हैं। कुछ महीनों पहले वो मांग में सिंदूर लगाने को लेकर चर्चा में आई थीं। इसपर उन्होंने खुलकर बात की थी। अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने बताया था कि वो बिना शादी के मांग में सिंदूर क्यों लगाती हैं। उन्होंने कहा था कि वो जगत जननी मां के लिए अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं। पवित्रा अपने विचारों को बेबाकी से कहती हैं और एक इंटरव्यू में उन्होंने मंदिरों में देवी के कपड़े पुजारी द्वारा बदले जाने का विरोध किया था।

beblunt पॉडकास्ट में बात करते हुए उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि मंदिर में माता रानी के कपड़े कोई पंडित कैसे बदल सकता है, ऐसा एक आदमी नहीं कर सकता। पवित्रा ने कहा, “मैं वो औरत हूं जो इस चीज के भी खिलाफ हूं कि मंदिरों में जहां माता की मूर्ति होती है, जहां-जहां देवी का रूप है, उसके कपड़े एक आदमी कैसे बदल सकता है। तुम को किसने हक दिया। तुम पूजा करो..तुम पंडित हो , पुजारी हो..साधु हो तुम करो पूजा, कपड़े बदलने का हक किसने दिया।”

पवित्रा ने भगवान शिव का उदाहरण देते हुए आगे कहा, “माना वो भगवान है पर शायद तुम भूल गए जब अंदर माता पार्वती नहा रही थी तो गणेश भगवान बाहर थे। उन्होंने उन्हें सुरक्षा के लिए रखा था कि देखना कोई अंदर ना आ सके। शिव जी को नहीं जाने दिया तो तुम कौन हो। तुम मर्द हो देवता की पूजा करो और उसके कपड़े बदलो। मैं बोल ही नहीं रही कि तुमने कितनी साधना भी क्यों ना की हो पर तुम देवी के कपड़े नहीं बदल सकते। मैं अनुमति दूंगी क्या कोई मेरी मां के कपड़े बदले।”

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इसके बाद पवित्रा ने बताया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए एक बार उन्होंने अपने भाई से सवाल किया था। “मैंने एक दिन अपने भाई से पूछा तेरे को चलेगा कि मैं तेरे सामने कपड़े बदलूं। उसने कहा तू पागल है क्या।” पवित्रा का ये वीडियो तेजी से वायरल हुआ और कई लोगों ने इस बात को सही बताया कि मंदिर में पुजारी का देवी के कपड़े बदलना सही नहीं है।

पवित्रा के मांग भरने को लेकर कई लोग सवाल कर रहे थे, जिनके लिए उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया था। जिसमें वो कह रही थीं, “मोहब्बत, अपने देवता के लिए, इष्ट के लिए, अपने भगवान के लिए, अपने प्रभु के लिए। आप पूरे मदहोश हो गए कि बस हम तो कुछ भी कर जाएंगे। वैसे ही हनुमान जी ने श्रीराम के लिए अपनी मांग में सिंदूर ना भरके पूरा नहा लिया। वैसे ही मैं, अपनी मां के लिए, जो जगत जननी है, उसके लिए ये जो मांग है ना मेरी, इसमें हम ये सिंदूर लगाते हैं। इसलिए सवाल उठाना बंद करिए। और आप भी लगाया करिए। किसने मना किया है? है ना? जय माता दी।”