बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का 4 अप्रैल को निधन हो गया है। उन्होंने 87 साल के उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। ‘भारत कुमार’ ने इंडस्ट्री में लंबे समय तक राज किया और अपने अभिनय के जरिए लाखों लोगों के दिलों पर राज किया। हालांकि, बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि दिग्गज दिवंगत अभिनेता मनोज कभी ‘शोमैन’ राज कपूर के बेहद अजीज हुआ करते थे, लेकिन एक बार दोनों के बीच गलतफहमी हो गई, जो काफी इमोशनल मोड़ पर जाकर खत्म हुई थी। यहां तक कि एक इंटरव्यू में मनोज कुमार ने बताया था राज कपूर उनकी गोद में सिर रखकर रो पड़े थे। चलिए जानते हैं कि आखिर वो किस्सा क्या है।
मनोज कुमार ने बचपन में सबसे पहले राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ देखी थी और इसे देखने वह दिल्ली के एक थिएटर में गए थे। शो के दौरान कुछ लोगों के एक समूह ने वहां हंगामा शुरू कर दिया था। ऐसे में वहां मौजूद राज कपूर मंच पर चढ़ गए और उन्होंने हंगामा करने वाले लोगों को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। उनकी ये दिलेरी देख कर मनोज कुमार उन फैन हो गए थे।
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उस मूवी को देखने के बाद जब युवा मनोज कुमार अपने घर गए, तो उन्होंने राज कपूर के उस एक्शन का जिक्र अपनी दादी से किया और शोमैन को ‘कर्मयोगी’ कहा, एक ऐसा व्यक्ति जो अपने कामों के जरिए सीधा ईश्वर से जुड़ता है। इसके बाद मनोज कुमार भी इंडस्ट्री में आ गए थे और 1970 तक आते-आते ‘भारत कुमार’ ने इंडस्ट्री में एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया था कि राज कपूर ने खुद उन्हें फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ ऑफर कर दी थी। उस फिल्म में भले ही मनोज कुमार का बहुत छोटा सा रोल था, लेकिन मनोज कुमार ने उस रोल के लिए झट से हामी भर दी थी और जरा भी संकोच नहीं किया। दरअसल, मनोज कुमार बस लीजेंड राज कपूर के साथ काम करना चाहते थे।
कुछ समय बाद राज कपूर को मनोज कुमार को लेकर एक गलतफहमी हो गई थी। शोमैन को लगा कि भारत कुमार उन्हें इग्नोर कर रहे हैं। दरअसल, जब शोमैन ने मनोज कुमार को फोन किया, तो किसी ने फोन उठाकर यह कह दिया था कि ये रॉन्ग नंबर है। राज कपूर को यह बात बहुत बुरी लगी थी, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही थी। उस समय मनोज मुंबई से बाहर शूटिंग कर रहे थे, यहां तक कि उन्हें राज का मैसेज तक नहीं मिला था।
मुंबई मिरर को दिए गए एक इंटरव्यू में मनोज ने इस किस्से को याद करते हुए शेयर किया कि कैसे उन्होंने एक मीटिंग में राज कपूर को सब कुछ समझाने की कोशिश की थी। एक्टर ने कहा, “जब हमारी मुलाकात हुई, तो मैंने वह बहुत नाराज थे। हम शाम 4 बजे (संगीतकार) जयकिशन के घर पर मिले। मैंने उनसे कहा कि मैं आपके साथ काम करने की इच्छा रखता हूं। मैं शोमैन के साथ नहीं, बल्कि एक कर्मयोगी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
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फिर जब उन्होंने राज कपूर से उनकी बेरुखी की वजह पूछी। सब जानने के बाद मनोज कुमार ने कहा कि वो ऐसी हरकत कर ही नहीं सकते कि वो राज कपूर को इग्नोर करें। इसके बाद उन्होंने शोमैन को उस घटना के बारे में भी बताया, जिसके बाद वह राज कपूर के फैन बन गए थे।
इसके बाद जब राज कपूर ने सारी बात सुनी, तो उन्होंने मनोज कुमार का हाथ पकड़ लिया था। इस बारे में दिवगंत एक्टर ने शेयर किया था कि राज साहब ने चुपचाप मेरी बात सुनी, फिर अपना सिर मेरी गोद में रख दिया और रोने लगे।”
पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में मनोज कुमार ने कहा था, “मैं अपनी बायोपिक के भी खिलाफ हूं। मैं अपने बारे में लिख सकता हूं, लेकिन इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं और मुझे उनका नाम बताना होगा। मैं तब उनका पर्दाफाश करूंगा, जो मुझे पसंद नहीं है। अभिनेता ने कहा कि किसी ने भी उनसे बायोपिक या किताब के लिए संपर्क नहीं किया है, क्योंकि वे उनके स्वभाव को जानते हैं।
एक्टर ने कहा, “”क्या दर्शकों को सिर्फ इस बात में दिलचस्पी है कि मैं मुंबई कैसे आया, मैंने कैसे संघर्ष किया, मैंने अपनी फिल्में लिखने और उन्हें बनाने में कितनी रातें बिताईं? ऐसा नहीं है… लेकिन ईमानदारी से कहूं तो किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया। वे मेरे स्वभाव को जानते हैं।”
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मनोज कुमार ने पहली फिल्म ‘फैशन’ थी, जिसमें उन्होंने 80 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था। डेब्यू फिल्म के लगभग 3 साल बाद एक्टर को ‘कांच की गुड़िया’ में लीड रोल मिला था। इसके बाद मनोज कुमार ने कई यादगार फिल्में कीं। इनमें ‘पिया मिलन की आस’, ‘हरियाली और रास्ता’, ‘शहीद’, ‘वो कौन थी’, ‘दो बदन’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘गुमनाम’ और ‘सावन की घटा’ के अलावा ‘पूरब और पश्चिम’, ‘यादगार’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बलिदान’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी ढेरों फिल्में शामिल थीं।
बता दें कि मनोज कुमार लंबे समय से बीमार थे और उनका कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज चल रहा था। यहीं एक्टर ने आखिरी सांस भी ली। अब उनका अंतिम संस्कार 5 अप्रैल को मुंबई में ही किया जाएगा।
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