CineGram: अमिताभ बच्चन और रेखा के बीच का रिश्ता बॉलीवुड के इतिहास में सबसे चर्चित अध्यायों में से एक है। चाहे वो उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री हो या ऑफ-स्क्रीन डेटिंग की अफवाह, दोनों आज भी लाइमलाइट में बने हुए हैं। जहां उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने सिल्वर स्क्रीन पर जादू बिखेरा, वहीं उनके असल जीवन के कनेक्शन ने अनगिनत कहानियों को जन्म दिया, जिनमें से कुछ की पुष्टि हुई और कुछ अटकलें बताए गए। ऐसी ही एक कहानी और है, जो एक्टर डायरेक्टर रंजीत ने खुद बताई थी।

बॉलीवुड शादीज के मुताबिक साल 2015 में एक इंटरव्यू में रंजीत ने कहा था अपने डायरेक्टोरियल डेब्यू में वो रेखा को लेना चाहते थे, मगर रेखा अपना समय अमिताभ बच्चन को देना चाहती थीं इसलिए उन्होंने मना कर दिया था। एक प्रतिष्ठित खलनायक के रूप में अपनी पहचान बनाने के बाद, रंजीत ने निर्देशक बनने का फैसला किया। अपनी पहली फिल्म के लिए, उन्होंने कारनामा नामक एक स्क्रिप्ट लिखी और धर्मेंद्र, रेखा और जया प्रदा को इसका हिस्सा बनाने के बारे में सोचा। रंजीत ने बताया कि रेखा उनकी बहुत अच्छी दोस्त थीं क्योंकि उन्होंने अपनी पहली फिल्म ‘सावन भादों’ (1970) में रेखा के साथ अपने जीवन का पहला शॉट दिया था। ये लंबे समय से चली आ रही दोस्ती भी एक कारण थी जिसके कारण रेखा रंजीत की ‘कारनामा’ में काम करने के लिए खुशी-खुशी राजी हो गईं। मगर कुछ ऐसा हुआ जिससे फिल्म का पूरा शेड्यूल बिगड़ गया।

उस वक्त के बारे में बात करते हुए रंजीत ने कहा था, “एक्टिंग छोड़ने के बाद, मैंने एक स्क्रिप्ट लिखी और धर्मेंद्र, रेखा और जया प्रदा के साथ एक फिल्म करने का फैसला किया। रेखा और मैं तब से अच्छे दोस्त हैं जब मैंने सावन भादों में उनके साथ अपने जीवन का पहला शॉट दिया था।”

फिल्म की शूटिंग शुरू हुई और फिल्म का पूरा पहला शेड्यूल शाम की शिफ्ट का था। रंजीत ने बताया कि शूटिंग के एक दिन रेखा उनके पास आईं और उनसे शिफ्ट को शाम से सुबह में बदलने को कहा। कारण ये था कि वो अपनी शाम को खाली रखना चाहती थीं और अमिताभ बच्चन के साथ बिताना चाहती थीं। रंजीत ने उन्हें समझाया कि शेड्यूल बदलने से पूरी लॉजिस्टिक्स गड़बड़ा जाएगी और दूसरे एक्टर्स पर भी असर पड़ेगा, इसलिए उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया। रेखा ने उनके फैसले का सम्मान किया लेकिन अमिताभ बच्चन के साथ समय बिताने के लिए उन्होंने  फिल्म छोड़ दी और फिल्म का साइनिंग अमाउंट भी लौटा दिया।

रंजीत ने बताया कि रेखा के बाहर होने से फिल्म बनने में दिक्कतें आईं। धर्मेंद्र ने कलाकारों को ध्यान में रखते हुए फिल्म साइन की थी, लेकिन जल्द ही शेड्यूलिंग के कारण वो भी इससे बाहर हो गए। रंजीत के पास कोई विकल्प नहीं बचा था और उन्हें फिल्म को फिर से शुरू करना पड़ा। आखिरकार, विनोद खन्ना, फराह और किमी काटकर के साथ कारनामा बनाया गया और जब यह 1990 में रिलीज़ हुई, तो फिल्म ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया और बॉक्स ऑफिस पर केवल औसत प्रदर्शन किया। बाद में, रंजीत ने ‘गजब तमाशा’ (1992) के साथ फिर से कोशिश की, लेकिन वो भी दर्शकों को प्रभावित करने में विफल रही।