थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि है, जो गर्दन के सामने स्थित होती है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है और शरीर को कई अन्य कार्य करने में मदद करती है। बत्रा हेल्थकेयर के संस्थापक, डॉ. मुकेश बत्रा ने बताया कि थायराइड हाइपोथायरायडिज्म तब होता है, जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। इससे शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में यह स्थिति विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
थायराइड हार्मोन स्किन, दिल, दिमाग, मांसपेशियों, आंत, बाल और स्किन पर खास तौर से असर डालता है। उन्होंने बताया कि थायराइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म, एनर्जी और हार्मोनल संतुलन को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में खाने में जरूरी पोषक तत्वों का होना बहुत ही आवश्यक है, जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो। हालांकि, महिलाओं में थायराइड होने से पहले कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिसकी समय रहते पहचान करना जरूरी है।
डॉ. मुकेश बत्रा के मुताबिक, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में थायराइड की समस्या अधिक होने की संभावना होती है। रिपोर्ट के अनुसार, 200 मिलियन लोग थायरॉयड की समस्या से पीड़ित हैं। जिसमें 8 में से 1 महिला को थायराइड की समस्या है और पुरुषों की तुलना में उनमें यह स्थिति विकसित होने की संभावना 8 गुना अधिक है।
सबसे शुरुआती और सबसे लगातार लक्षणों में से एक है लगातार थका हुआ महसूस करना, भले ही आप अच्छी नींद लें। क्योंकि, थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं, जब हार्मोन के स्तर में गिरावट होती है, तो यह शरीर में विभिन्न प्रक्रियाओं को धीमा कर सकता है। जिससे थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है।
अगर आहार या गतिविधि लेवल में कोई बदलाव नहीं हो है और फिर भी वजन बढ़ रहा है तो यह हाइपोथायरायडिज्म के कारण हो सकता है। कम थायराइड हार्मोन का लेवल आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। इससे आपका शरीर कम कैलोरी जलाता है, जिससे वजन बढ़ता है।
थायराइड हार्मोन मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करते हैं। हाइपोथायरायडिज्म के कारण मासिक धर्म भारी, लंबा या अधिक बार हो सकता है। हार्मोन असंतुलन के कारण गर्भधारण करना भी मुश्किल हो सकता है।
थायराइड हार्मोन के स्तर में गिरावट से सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर प्रभावित हो सकते हैं। इससे उदासी, चिंता या अवसाद की भावनाएं पैदा होती हैं। कुछ महिलाओं को ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या याददाश्त संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसे ब्रेन फॉग भी कहा जाता है।
थायराइड हार्मोन स्वस्थ त्वचा और बालों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब आपको हाइपोथायरायडिज्म होता है, तो त्वचा शुष्क, खुरदरी और पीली हो सकती है और आपके बाल पतले हो सकते हैं या सामान्य से ज्यादा झड़ सकते हैं।
वहीं, जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, खराब लाइफस्टाइल के कारण तनाव होता है और इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।