आज के लाइफस्टाइल और बदलते खानपान के चलते मोटापे की स्थिति पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। दुनिया भर में लोग मोटापे से परेशान हैं। मोटापा अब सिर्फ युवाओं और बुजुर्गों में ही नहीं, बल्कि बच्चों में भी तेरी बढ़ रहा है। बच्चों में मोटापा एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह न केवल उनके शारीरिक विकास को प्रभावित करता है, बल्कि आगे चलकर उन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट और मानसिक तनाव जैसी बीमारियों की चपेट में ला सकता है। साल 2022 के लैंसेट स्टडी के अनुसार, भारत में 44 मिलियन (4.4 करोड़) महिलाएं और 26 मिलियन (2.6 करोड़) पुरुष मोटापे से ग्रस्त थे। भारत में भी बच्चों में ओवरवेट और ओबेसिटी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। समय रहते इसके कारण और उपाय जानकर इससे बचा जा सकता है।

हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल्स में बैरिएट्रिक सर्जन और मोटापा विशेषज्ञ, डॉ. वेणुगोपाल पारीक ने बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ने के कारण बताए हैं। इसके साथ ही बच्चों को मोटापे से बचाने के उपाय भी बताए हैं। उन्होंने बताया कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल और फास्ट फूड डाइट के लेने वाले किसी भी व्यक्ति का वजन हर महीने में 2 किलो तक बढ़ सकता है। इसके अलावा प्रतिदिन अतिरिक्त 500 कैलोरी लेने से छह महीने में 6 से 8 किलो वजन बढ़ सकता है।

बच्चों में वजन बढ़ने में अनहेल्दी फूड हैबिट्स का बहुत बड़ा योगदान होता है। जंक फूड, प्रोसेस्ड, मीठे पेय और अनहेल्दी स्नैक्स का अधिक सेवन करने से बच्चों में तेजी से वजन बढ़ने का कारण बन रहा है।

बच्चे अब पहले की तरह आउटडोर खेलों में शामिल नहीं होते, जिसके चलते फिटिकल एक्टिविटी बिल्कुल खत्म हो गई है। घंटों मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम में समय बिताना मोटापे की बड़ी वजह बन गया है।

लंबे समय तक मोबाइल, टैबलेट या टीवी देखना न केवल बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म भी स्लो कर देता है। इसके चलते भी बच्चों का वजन बढ़ सकता है।

कई बच्चों को मोटापा परिवार के इतिहास के कारण भी होता है। अगर माता-पिता मोटे हैं, तो बच्चों में भी ओबेसिटी का रिस्क बढ़ जाता है।

बच्चों में नींद की कमी के कारण कई स्वास्थ्य संबंध समस्याएं बढ़ जाती है। कम नींद से शरीर का हार्मोन बैलेंस बिगड़ता है, जिससे भूख बढ़ती है और वजन तेजी से बढ़ सकता है।

बच्चे कई बार बोरियत, अकेलेपन या तनाव के कारण खाना खाने लगते हैं। इसे इमोशनल ईटिंग कहते हैं, जो वजन बढ़ने का एक कारण हो सकता है।

बच्चे चॉकलेट, कैंडी, बिस्किट और कोल्ड ड्रिंक्स को बहुत पसंद करते हैं, लेकिन इनमें शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो शरीर में फैट के रूप में जमा हो जाती है।

बिना तय समय पर खाना, सोना या खेलने से शरीर की प्राकृतिक कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है, जो मोटापे को बढ़ावा देती है।

आमतौर पर बच्चे बहुत कम पानी पीते हैं। पानी और फाइबर दोनों वजन कंट्रोल में अहम भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से पाचन गड़बड़ होता है और वजन बढ़ता है।

बच्चों को मोटापे का शिकार होने से पहले कुछ चीजों का खास ध्यान रखना पड़ता है। बच्चों का खाने में स्वस्थ और संतुलित आहार दें, जिसमें हरी सब्जियां, फल, दूध, दाल और साबुत अनाज शामिल हों।