खानपान अगर अच्छा हो तो सेहत भी अच्छी रहती है। हर मौसम में के हिसाब से सब्जियां आती हैं, लेकिन कुछ ऐसी सब्जियां भी होती हैं, जो सदाबहार होती हैं, जिनके सेवन से न सिर्फ सेहत बेहतर होती है, बल्कि कई बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं। करेला भी एक ऐसी सदाबहार सब्जी है, जिसके सेवन से शरीर को पोषक तत्व, विटामिन और खनिज अच्छी मात्रा में मिलते हैं। इसके अलावा कई बीमारियों से भी बचाव होता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने करेले के फायदे बताए हैं।
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, करेला भले ही स्वाद में कड़वा हो, लेकिन इसके औषधीय गुण इसे एक सुपरफूड की श्रेणी में ला देते हैं। करेला डिटॉक्सिफायर से लेकर ब्लड प्यूरीफायर तक कई समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। आजकल खराब खानपान और लाइफस्टाइल के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या बहुत परेशान करती हैं। करेला पेट से जुड़ी समस्या के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। करेला शरीर से विषैले तत्वों यानी टॉक्सिन को बाहर निकालता है, लिवर को साफ करता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है।
करेले के पोषक तत्वों की बात की जाए तो इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, बी विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे खनिज होते हैं। इसके अलावा करेला एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।
करेला ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में बहुत असरदार होता है। करेले में पोलिपेप्टाइड-P नामक एक इंसुलिन जैसा तत्व पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद करता है। करेले का उपयोग टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह रोगियों के लिए एक प्राकृतिक दवा के रूप में किया जाता है। रोज सुबह करेले का जूस खाली पेट पीना डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी होता है।
करेला शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर खून को साफ करता है। करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण खून को साफ करने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा की स्थिति में सुधार हो सकता है और अन्य रक्त संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। इससे पिंपल्स, दाग-धब्बे और स्किन एलर्जी जैसी समस्याएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
करेला लिवर के लिए टॉनिक का काम करता है। यह लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है और इसके कार्यों को बेहतर बनाता है। करेला लिवर की चर्बी को कम करने और लिवर की बीमारियों को रोकने में मदद करता है।
करेला पाचन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो कब्ज को दूर करने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। करेले में मौजूद फाइबर आंतों को साफ करता है और मलत्याग को नियमित बनाता है। इससे गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं नहीं होती।
वजन घटाने के लिए करेले का सेवन लाभकारी होता है। करेला में कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है। यह वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन भोजन है, क्योंकि फाइबर लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ज्यादा खाने से बच जाते हैं। इसके साथ ही करेला शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ाता है और फैट को बर्न करने में मदद करता है।
वहीं, डायबिटीज के मरीजों के लिए चीनी का सेवन खतरनाक हो सकता है। अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि मिठास के लिए सफेद शुगर, ब्राउन शुगर और शहद किसका सेवन करना चाहिए?