खराब खानपान और लाइफस्टाइल के चलते पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या बहुत आम हो गई है, लेकिन गैस और एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं, तो अभी से सावधान हो जाएं। गैस और एसिडिटी की समस्या होने पर एंटासिड दवाएं खाना सेहत के हानिकारक हो सकता है। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और AIIMS दिल्ली की पूर्व डॉक्टर और न्यूरोलॉजिस्ट प्रियंका सहरावत के मुताबिक, एसिडिटी की दवाएं अगर लंबे समय तक ली की जाती हैं तो इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में विटामिन और पोषण की कमी हो सकती है।

एसिडिटी कई कारणों से हो सकती है, जैसे मसालेदार और फैट युक्त भोजन, कैफीन और शराब, ज्यादा खाना, खराब लाइफस्टाइल, मोटापा, धूम्रपान और तनाव आदि। यूटोपियन ड्रिंक्स की मुख्य पोषण सलाहकार डॉ. नंदिनी सरवटे के मुताबिक, पेट से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव और हेल्दी रूटीन डे अपनाने पर फोकस करना चाहिए।

नंदिनी सरवटे ने कहा कि खाने के तुरंत बाद सोने से भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे पेट में भोजन वापस अन्नप्रणाली में चला जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन, अपच, कब्ज और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कंसल्टेंट डाइटीशियन और डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा के मुताबिक, एसिडिटी के लिए एंटासिड लेने से तुरंत राहत मिल सकती है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि यह उपाय सिर्फ एक बैंड-एड समाधान है। एंटासिड पेट के एसिड को अस्थायी रूप से बेअसर कर देते हैं, जिससे सीने में जलन और बेचैनी जैसे लक्षण कम हो जाते हैं।

मल्होत्रा ने कहा कि एंटासिड पर लंबे समय तक निर्भरता से साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिसमें एसिडिटी की समस्या और पोषक तत्वों का अवशोषण न होना शामिल है। लक्षणों को छिपाने के बजाय लाइफस्टाइल में बदलाव, खानपान पर ध्यान और आवश्यक होने पर ही एसिड को कम करने वाली उचित दवाओं का उपयोग करना चाहिए।

अपोलो स्पेक्ट्रा दिल्ली की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. प्रीति जैन ने कहा कि पाचन में सहायता के लिए सोने से 2 से 3 घंटे पहले भोजन करने की कोशिश करें। इसके अलावा खाना खाने के बाद सैर करने की कोशिश करें, जिससे खाने को पचाने में आसानी हो सके। ऐसा करने से पेट फूलने , गैस और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) समस्याओं जैसी समस्याओं को कम किया जा सकता है।