भारतीय लोग खानपान के बहुत ही शौकिन होते हैं। भारतीय मसाले के साथ कुछ ऐसे सुपरफूड हैं जो खाने में स्वाद ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद रहते हैं। जिनके सेवन से कई बीमारियों का इलाज भी किया जाता है। इनमें गुलकंद भी एक ऐसा सुपरफूड है जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। गुलकंद एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक टॉनिक है, जिसे ताजे गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से बनाया जाता है। आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, गुलकंद पेट और आंतों की सफाई के लिए अमृत के समान है। यह न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्कि शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है और कई बीमारियों से बचाव करता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं के लिए गुलकंद का प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है। अगर, आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए 1 किलोग्राम देसी गुलाब की ताजी पंखुड़ियों को निकालकर उसमें 2 किलो चीनी या मिश्री का पाउडर मिला दें और उसको थोड़ी देर तक रगड़े, जिससे वह गीला होकर आपस में मिल जाए। इसके बाद उसे कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में रखकर धूप में रख दें, 2-4 दिन में उस बर्तन को हिला दें। उसमें सौंफ व दाल चीनी भी डाल सकते हैं। इसके बाद एक चम्मच प्रतिदिन इसका सेवन करें।
इससे कब्ज की शिकायत व एसिडिटी की परेशानी दूर होगी। पेट के संक्रमण में लाभ होगा और आंख की रोशनी बढ़ेगी। कब्ज, एसिडिटी व अल्सर के लिए गुलाब के गुलकंद का प्रयोग अत्यंत लाभकारी है। जिन लोगों को एसिडिटी की गंभीर समस्या है वे रात को दूध के साथ गुलकंद का प्रयोग करें। इससे एसिडिटी की समस्या दूर हो जाएगी। गुलकंद में मौजूद नेचुरल फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करता है और आंतों से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। ये एसिडिटी और पेट में जलन को कम करता है, जिससे गैस और ब्लोटिंग से राहत मिलती है।
गर्मी के मौसम में गुलकंद शरीर में शीतलता बनाए रखता है और हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से बचाता है। इसके साथ ही ये मुंह के छाले और पेट की जलन को कम करने में मदद करता है। गुलकंद प्रोबायोटिक की तरह काम करता है, जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और पाचन को सुधारता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर जल्दी बीमार नहीं पड़ता।
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