खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ-साथ मोटापा भी बहुत आम हो गया है। मोटापा कम करने के लिए लोग जिम जाना, खाने-पीने पर लगाम आदि बहुत कुछ जतन कर रहे हैं, लेकिन इन सब के बाद भी वेटलॉस नहीं हो पा रहा है और ज्यादा वजन से डायबिटीज, फैटी लिवर, ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ फूड्स को अपनी डाइट में क्विनोआ शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है और इन बीमारियों से भी बचा जा सकता है। फिट क्लीनिक की डाइटिशियन सुमन पाहुजा ने क्विनोआ के फायदे बताए हैं।

डाइटिशियन सुमन पाहुजा के मुताबिक, अगर आप तेजी से वजन घटाना चाहते हैं तो क्विनोआ आपकी डाइट का हिस्सा जरूर होना चाहिए। इसे सुपरफूड कहा जाता है, क्योंकि यह हाई फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स से भरपूर होता है। क्विनोआ मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे फैट बर्निंग तेज होता है और भूख भी कंट्रोल में रहती है।

क्विनोआ में प्रोटीन, फाइबर, फोलेट, विटामिन ई, सी और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये शरीर के लिए हेल्दी होने के साथ-साथ कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर की कमजोरी दूर होगी है। क्विनोआ मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करके फैट को कम करने का काम करता है।

क्विनोआ में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और अचानक लगने वाली भूख को रोकता है। यह डाइजेशन को सुधारता है और कब्ज की समस्या से बचाव करता है।

क्विनोआ में सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, जो इसे एक Complete Protein बनाते हैं। यह मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाने और फैट बर्न करने में मदद करता है।

जिससे डायबिटीज़ से ग्रस्त लोग इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा फाइबर की उच्च मात्रा के चलते पाचन क्रिया धीमी गति से होती है, जिससे शुगर स्पाइक का खतरा कम होने लगता है। विटामिन और मिनरल से भरपूर होने के अलावा इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो है, जिससे डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं।

इसमें लो कैलोरी और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। यह शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, क्विनोआ में चावल, मक्की और साबुत गेहूं की तुलना में ज्यादा प्रोटीन होता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है।

जो लोग ग्लूटेन सेंसिटिविटी या IBS (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) से परेशान हैं, उनके लिए क्विनोआ एक बेहतरीन ऑप्शन है। यह पचने में आसान होता है और गैस-एसिडिटी नहीं बढ़ाता।

वहीं, किडनी की समस्या होने से पहले शरीर कई संकेत देता है, जिन्हें नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, किडनी की समस्या के संकेतों को समय रहते पहचानना जरूरी है, नहीं तो किडनी फेल हो सकती है।