तुलसी का पौधा एक ऐसा दिव्य पौधा है कि यदि किसी घर के चारों ओर तुलसी हो, तो उसके आसपास बीमारियां फटकेंगी तक नहीं। आवश्यकता केवल इसके गुणों को समझने और अपनाने की है। तुलसी का पौधा केवल एक साधारण पौधा नहीं, बल्कि आयुर्वेद में वर्णित एक दिव्य औषधि है। आयुर्वेद में इस पौधे को ‘विष्णु प्रिया’, ‘हरि प्रिया’ और ‘जीवन रक्षक’ जैसे नामों से जाना जाता है। तुलसी का न सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि ये सेहत के लिए भी अमृत साबित होता है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, तुलसी एक ऐसा पौधा है जो 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करता है और हमें विभिन्न रोगों से बचाने में मदद करता है। तुलसी की पत्तियों में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर को हानिकारक जीवाणुओं (बैक्टीरिया) से सुरक्षित रखते हैं। यदि इन पत्तियों को प्रतिदिन चबाया जाए, तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण से बचाव होता है। सर्दी खांसी और बुखार जैसी मौसमी बीमारियों को दूर करने में ये पत्तियां जादुई असर करती है। आइए जानते हैं कि अगर 21 दिनों तक तुलसी के पत्तों का सेवन किया जाए तो सेहत पर कैसा असर होता है।
रोज सिर्फ 21 दिनों तक अगर आप तुलसी के पत्ते का सेवन करते हैं तो आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमारियों का खतरा टलता है। तुलसी की पत्तियों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो बॉडी का बीमारियों से बचाव करते हैं। ये पत्ते मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी खांसी से बचाते हैं और बॉडी को हेल्दी रखते हैं।
रोज़ तुलसी की पत्तियों को चाय में डालकर पीने से एसिडिटी और अपच की समस्या का इलाज होता है। ये पत्तियां पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है और एसिडिटी को कंट्रोल करती हैं।
तुलसी की पत्तियां सिर्फ शारीरिक परेशानियों का ही इलाज नहीं करती बल्कि मानसिक तकलीफ भी दूर करती हैं। इस पौधे को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसका सेवन अगर रोज किया जाए तो मानसिक तनाव कंट्रोल रहता है, चिंता कम होती है और मानसिक सेहत दुरुस्त रहती है। तुलसी वास्तव में एक प्राकृतिक औषधि है जो पूरे शरीर को संतुलन और ऊर्जा देती है। तुलसी प्राकृतिक रूप से एडेप्टोजेनिक गुणों से भरपूर होती है, जो मानसिक तनाव को कम करती है।
रोज सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियों का सेवन करेंगे तो एलर्जी का इलाज होगा। ये पत्तियां सर्दी-खांसी जुकाम, साइनोसाइटिस का इलाज करती हैं। इन सभी परेशानियों में तुलसी का सेवन उसका काढ़ा बनाकर करें आपको फायदा होगा।
तुलसी का रस संक्रमण से बचाव करता है। जिन लोगों को अस्थमा की परेशानी है उनके लिए तुलसी बेहद उपयोगी है। गुलबनफ्शा,मुलेठी और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना लें और उसका सुबह शाम सेवन करें। इससे श्वास रोगों में आराम मिलेगा। निमोनिया और पसली चलने में भी ये पत्तियां असरदार साबित होंगी।
तुलसी की पत्तियां ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करने में मदद करती हैं। तुलसी में ऐसे सक्रिय यौगिक होते हैं जो शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।
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