खराब पाचन ओवरऑल बॉडी की सेहत को बिगाड़ देता है। पाचन को दूसरा ब्रेन कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर को हेल्दी रहने के लिए सिग्नल देता है। पाचन तंत्र न सिर्फ भोजन को पचाता है, बल्कि पूरे शरीर की सेहत को भी कंट्रोल करता है। अगर पाचन खराब हो तो इसका असर हर अंग पर पड़ता है। पाचन को ‘दूसरा मस्तिष्क’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह नर्वस सिस्टम के साथ जुड़कर शरीर को हेल्दी रहने के लिए जरूरी सिग्नल भेजता है। लेकिन जैसे ही पाचन कमजोर होने लगता है तो बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं जैसे पेट में गैस होना, कुछ भी खाते ही एसिडिटी होना, पेट में भारीपन होना, बार-बार थकान होना, स्किन और इम्यून सिस्टम से जुड़ी समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं। आसान शब्दों में कहें तो खराब पाचन सिर्फ पेट की नहीं, बल्कि पूरे शरीर की सेहत बिगाड़ सकता है।
हेल्थ लाइन के मुताबिक पाचन से जुड़ी ये सभी परेशानियां खराब डाइट,अधिक जंक फूड का सेवन करना, पर्याप्त पानी नहीं पीना, खाना समय पर और चबाकर नहीं खाना, सोने का सही समय नहीं होने से होती हैं। रफ्तार भरी इस जिंदगी में लाइफस्टाइल को बैलेंस करना बेहद जरूरी है। पाचन को दुरुस्त करने के लिए कुछ फूड्स का सेवन बेहद उपयोगी होता है।
अगर आप भी पाचन से जुड़ी समस्याओं में राहत पाना चाहते हैं तो आप डाइट में इन 3 फलों का सेवन करें। कुछ फलों का सेवन करने से पेट की एसिडिटी कंट्रोल रहती है और पाचन दुरुस्त होता है। आइए जानते हैं कि पाचन को दुरुस्त करने के लिए कौन-कौन से फलों का सेवन करें।
कीवी एक स्वादिष्ट, खट्टा-मीठा फल है जो न केवल स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह फल पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। कीवी में ऑक्टेनीडिन (Actinidin) नामक एक प्राकृतिक एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह एंजाइम खासतौर पर मांस और डेयरी उत्पादों को पचाने में मदद करता है। ये फूड पाचन पर दबाव डालते हैं और देरी से पचते हैं। कीवी का सेवन भोजन के साथ या बाद में करने से Actinidin एंजाइम प्रोटीन को छोटे और सरल अणुओं में तोड़ देता है, जिससे शरीर को उन्हें पचाना और अवशोषित करना आसान हो जाता है। यह न केवल पेट में भारीपन, गैस या अपच जैसी समस्याओं को कम करता है, बल्कि भोजन के बाद शरीर को हल्का और एनर्जेटिक भी महसूस कराता है।
पपीता एक ऐसा फल है जो पचाने में बेहद हल्का और स्वादिष्ट होता है। पोषक तत्वों से भरा ये फल पाचन में सहायता करता है। पपीते में एक खास पाचक एंजाइम ‘पपेन’ (Papain) पाया जाता है जो खासतौर से प्रोटीन को तोड़ने और पचाने में मदद करता है। प्रोटीन रिच फूड्स जैसे दालें, अंडे, मांस और पनीर का सेवन करने से पाचन पर दबाव पड़ता है और उसे उस खाने को पचाना मुश्किल होता है। पपीता इस डाइट को पचाने में मदद करता है,भोजन के बाद पेट में भारीपन, गैस, अपच या सूजन जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। पपीता खासतौर पर उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है जिन्हें खाने के बाद पेट फूलना, एसिडिटी या थकान जैसी दिक्कतें होती हैं।
अनानास न केवल स्वाद में रसीला और ताजगी देने वाला फल है, बल्कि यह पाचन को दुरुस्त करने में भी असरदार साबित होता है। इसमें ब्रोमेलिन (Bromelain) नाम का खास एंजाइम मौजूद होता है जो खाने के पचाने में मदद करता है। ब्रोमेलिन एक प्राकृतिक पाचक एंजाइम है जो भोजन में मौजूद जटिल और भारी प्रोटीन को छोटे, सरल अणुओं में तोड़ देता है, जिन्हें शरीर आसानी से पचा और अवशोषित कर सकता है।
जब हम मीट, अंडे, दाल या पनीर जैसी हाई-प्रोटीन डाइट का सेवन करते हैं तो शरीर को उन्हें पूरी तरह पचाने में समय और ऊर्जा लगती है। इस प्रक्रिया में अगर पाचन ठीक से काम न करे, तो गैस, पेट फूलना, भारीपन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अनानास का सेवन पेट से जुड़ी इन समस्याओं का नेचुरल इलाज करता है।
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