Arthritis: आजकल के समय में खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ गया है, जिसमें जोड़ों में दर्द और गठिया की समस्या भी बहुत ही आम हो रही है। आमतौर पर गठिया की समस्या 40 या उससे अधिक की उम्र के बाद लोगों में देखने को मिलती थी। गठिया की समस्या होने पर जोड़ों में बेहद दर्द होता है। कुछ लोगों में गठिया की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उठने -बैठने में भी परेशानी होने लगती है, लेकिन अब गठिया केवल बुजुर्गों को होने वाली बीमारी नहीं, बल्कि यह बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। गठिया की समस्या होने पर ये सिर्फ जोड़ों में नहीं बल्कि, आंख, हार्ट, किडनी और फेफड़ों व अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है।

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि बुजुर्गों में होने वाली गठिया की समस्या अब तेजी से बच्चों में होने लगी है। हर साल 250-300 बच्चे गठिया की समस्या के उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बचपन में गठिया या जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस (जेआईए) को मुख्य रूप से ऑटोइम्यून डिजीज मानते हैं, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर अटैक कर देती है, जिससे बच्चों में जोड़ों में सूजन और दर्द की दिक्कत हो सकती है।

जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस (JIA) बच्चों में होने वाला एक प्रकार का गठिया है, जो 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 6 सप्ताह या उससे अधिक समय तक जोड़ों को प्रभावित करता है। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसका अर्थ है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला करती है। कुछ मामलों में JIA के पारिवारिक इतिहास यानी जेनेटिक के कारण बच्चों में यह स्थिति विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।

Arthritis Foundation के अनुसार, गठिया की समस्या तब शुरू होती है, जब आपके टिशूज हड्डियों को सहारा दे रहे होते हैं और सही तरह से काम नहीं कर पाते। जिसके चलते शरीर के कामकाज में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। इसकी शुरुआत जोड़ों के टिशूज के घिसने से होती है, जिस वजह से जोड़ों पर रेडनेस नजर आ सकती है। जोड़ों के आसपास टिशूज में हल्की सूजन हो सकती है।

गठिया की समस्या और दर्द से राहत पाने के लिए कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा गठिया के दर्द को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी असरदार हो सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं गठिया के दर्द को कम करने के लिए घरेलू उपाय क्या-क्या हैं।

गठिया की समस्या दूर करने में हल्दी का सेवन सबसे कारगर माना जाता है। दरअसल, हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट व एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जिनसे गठिया के दर्द में राहत मिलती है और अन्य बीमारियों के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

मुलेठी का सेवन दूध में मिलाकर आसानी से कर सकते हैं। मुलेठी का सेवन करना न सिर्फ गठिया के दर्द को कम करने में लाभदायक है, बल्कि इसके सेवन से आपका पाचन तंत्र भी मजबूत रहता है। वहीं, दूध में कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती है, जो हड्डियों के लिए लाभकारी है।

गठिया के दर्द को कम करने में सरसों का तेल भी काफी फायदेमंद होता है। जोड़ों या शरीर के अन्य दर्द वाले हिस्से में कुछ देर सरसों का तेल लगाकर मालिश करते हैं, तो दर्द से आराम मिलता और सूजन भी कम होती है।

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