आजकल खाने-पीने से लेकर लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते कई हेल्दी और फिट रहना एक चुनौती बन गया है। आज के समय में डायबिटीज एक गंभीर बीमारी बनकर उभरी है। भारत में शुगर से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। मेडिकल जर्नल द लांसेट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, साल 2050 तक डायबिटीज के मामले 130 करोड़ के आसपास पहुंच सकते हैं। इसके अलावा भी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शरीर को अपनी चपेट में ले रही कही हैं। ऐसे में दिन की शुरुआत एक चाय की चुस्की, जो कई रोगों से मुक्ति देने वाली हो से हो जाए तो क्या ही कहना है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. रितु चड्ढा ने इस नीली चाय के फायदे बताए हैं।
आयुर्वेदाचार्य डॉ. रितु चड्ढा के मुताबिक, नीले, बैंगनी या सफेद रंग के खूबसूरत दिखने वाले अपराजिता के फूल न केवल सजावटी पौधे होते हैं, बल्कि आयुर्वेद में इन्हें औषधीय गुणों का भंडार माना गया है। इसे सुबह खाली पेट टी या जल के रूप में पिया जाए, तो यह शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ कई बीमारियों से बचाव करती है।
क्लिटोरिया टर्नेटिया की पंखुड़ियों से बनी इस हर्बल चाय की जड़ें आयुर्वेद और दक्षिण-पूर्व एशियाई परंपराओं में हैं, जिसे भारत में अपराजिता या शंखपुष्पी के नाम से भी जाना जाता है। अपराजिता के फूल में एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लावोनोइड्स, एंथोसायनिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो पाचन, त्वचा, मस्तिष्क और ब्लड शुगर के लिए लाभकारी हैं।
अपराजिता फूल का काढ़ा या चाय पेट की गर्मी कम करता है। सुबह-सुबह अपराजिता के पत्तों की चाय पीने से आंतों की सफाई होती है। यह अम्लता यानी एसिडिटी और गैस की समस्या में राहत देता है। सुबह खाली पेट पीने से पाचन तंत्र दिनभर बेहतर बना रहता है।
अपराजिता का फूल ब्लड ग्लूकोज लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। इसके सेवन शुगर लेवल कंट्रोल करता है। इसमें मौजूद एंथोसायनिन इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, जिससे टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिल सकता है।
तनाव और डिप्रेशन से राहत पाने के लिए भी अपराजिता की चाय बहुत ही लाभकारी हो सकती है। इस फूल में मौजूद नेचुरल कंपाउंड मस्तिष्क को शांत करने और चिंता, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन जैसी मानसिक समस्याओं को कम करने में सहायक होते हैं। यह ब्रेन की एक्टिविटी को स्थिर करता है और मूड को बेहतर बनाता है।
अपराजिता फूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। इसके नियमित सेवन से सर्दी-खांसी, संक्रमण और एलर्जी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
सुबह खाली पेट इस फूल की चाय पीने से लिवर की सफाई होती है और यूरिनेशन के जरिए विषैले तत्व यानी टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
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