यूरिक एसिड एक अपशिष्ट बायप्रोडक्ट है, जो प्यूरीन नामक रसायन के टूटने पर शरीर में बनता है। ये ब्लड में घुला होता और किडनी इसे फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देती है। शरीर में लगभग 30% प्यूरीन हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से मिलता है। आज के समय में यूरिक एसिड या हाइपरयूरिसीमिया काफी आम हो गया है, जिसमें रक्त में यूरिक एसिड का निर्माण होता है। हालांकि, अधिकांश यूरिक एसिड ब्लड में घुल जाते हैं और किडनी से होकर पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाते हैं। अगर शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड रहता है तो हाइपरयुरिसीमिया होता है। हाइपरयुरिसीमिया के कारण यूरिक एसिड जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में चिपक जाता है। ये क्रिस्टल जोड़ों में जमा होकर गठिया का कारण बनते हैं। नूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने बताया कि कुछ प्राकृतिक चीजों से यूरिक एसिड को नेचुरली बाहर निकाला जा सकता है।
नूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा के अनुसार, यूरिक एसिड बढ़ना आज के समय में एक आम समस्या बन गई है, खासकर उन लोगों में जो हाई प्रोटीन डाइट लेते हैं या जिनकी लाइफस्टाइल बैठने वाली हो गई है। जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, तो यह जोड़ों में जाकर क्रिस्टल्स के रूप में जमने लगता है, जिससे असहनीय दर्द, सूजन और चलने-फिरने में परेशानी होती है। इसे अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो गंभीर हो सकता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कच्चा पपीता बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।
कच्चा पपीता एक ऐसा फल है, जिसमें पेपेन नामक एंजाइम पाया जाता है। यह एंजाइम न सिर्फ पाचन में मदद करता है, बल्कि यूरिक एसिड को भी तोड़ने और बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा कच्चे पपीते में फाइबर, विटामिन C और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करते हैं और सूजन को कम करते हैं।
कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब एक कटोरे में एक गिलास पानी डालें। इसमें पपीते के टुकड़े डालें और लगभग 5 मिनट तक पकाएं। फिर इसे मिक्सर में डालकर पीस लें। अब इस मिश्रण को एक कप में छान लें। इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर पी लें। दिन में तीन बार पीने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाएगा और जोड़ों के दर्द से भी निजात मिलेगी। कच्चा पपीता यूरिक एसिड की समस्या को दूर करने में रामबाण इलाज है। कच्चा पपीता का सेवन आप उसकी सब्जी बनाकर भी कर सकते हैं।
जब शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ता है, तो वह शरीर के अंदर जाकर छोटे-छोटे क्रिस्टल्स बनाकर जोड़ों में जमा हो जाता है। यही क्रिस्टल्स जोड़ों में सूजन, जलन और दर्द का कारण बनते हैं। कच्चा पपीता अपने अल्कलाइन नेचर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से इन क्रिस्टल्स को धीरे-धीरे घोलने में मदद करता है। साथ ही, यह शरीर के pH लेवल को बैलेंस करता है, जिससे यूरिक एसिड का बनना भी कम हो जाता है।
वहीं, फिट क्लीनिक की डाइटिशियन सुमन ने हड्डियों के लिए सबसे अच्छे और बेस्ट फूड्स बताए हैं। जिनके सेवन से खोखली हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं।