कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक ऐसी परेशानी है जो युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक LDL कोलेस्ट्रॉल जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और दूसरा HDL कोलेस्ट्रॉल जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन करना, हेल्दी फैट का सेवन करना, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद का सेवन, प्रोसेस्ड और ट्रांस फैट से परहेज करना,  चीनी और नमक का सेवन कम करना और कुछ खास फूड्स का सेवन करना जरूरी है।कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में आंवला का सेवन बेहद उपयोगी है। भारतीय आंवले में हाई एंटीऑक्सीडेंट खास तौर पर विटामिन सी मौजूद होता है जो कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि आंवला लिपिड प्रोफाइल में सुधार करके LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। रोजाना लगभग 1-2 ताजे आंवले का सेवन फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल करने के लिए आंवला कैसे असरदार है।

आंवला विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स से भरपूर होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस या सेल्स डैमेज से लड़ता है,जो LDL कणों को ऑक्सीकृत करता है, जिससे धमनियों में प्लाक बनने की संभावना बढ़ जाती है। रिसर्च से पता चलता है कि आंवला कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाओं की तरह असर करता है। ये लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह ब्लड प्रवाह से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है।

क्लिनिकल स्टडी से पता चलता है कि आंवले का नियमित सेवन LDL कोलेस्ट्रॉल को काफी हद तक कम करता है और HDL कोलेस्ट्रॉल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। HDL कोलेस्ट्रॉल रक्त प्रवाह से LDL को फ़िल्टर करने में मदद करता है, जिससे दिल के रोगों का जोखिम कम होता है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पोषण विशेषज्ञ नारंग ने बताया आंवले के सूजनरोधी गुण धमनियों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। दिल की सेहत को दुरुस्त करने में और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में आंवला बेहद उपयोगी है।

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