खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल का सीधा असर हमारे पाचन पर पड़ता है। डाइट में ऑयली, मसालेदार फूड, ट्रांस फैट फूड, डिब्बाबंद फूड्स का ज्यादा सेवन करने से पाचन पर दबाव पड़ता है। ऐसे में खाया पिया आसानी से पचता नहीं है और पेट में सड़ने लगता है। असंतुलित जीवन शैली का सबसे पहला शिकार हमारा पाचन तंत्र होता है। पाचन पर दबाव बढ़ने से भोजन ठीक से नहीं पचता और पेट में गैस और सड़न शुरू हो जाती है। जब खाना ठीक से पचता नहीं है तो अपच की शिकायत रहती है जिससे पेट में एसिडिटी, गैस, मतली, पेट में भारीपन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। खराब डाइट आंतों की सेहत को बिगाड़ती है।
प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड्स आंतों में गुड बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं जिससे इम्युनिटी भी कमज़ोर हो जाती है। जब खाना ठीक से नहीं पचता, तो शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता। इसका असर सीधा हमारे एनर्जी लेवल, एकाग्रता, और मूड पर पड़ता है।
अगर आप भी पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आप कुछ देसी नुस्खों से इलाज करना शुरु कर दें। किचन में मौजूद कुछ मसाले ऐसे है जो आपके पेट में जमा सारी गंदगी को साफ कर सकते हैं,पेट की गैस और एसिडिटी का इलाज कर सकते हैं।
पाचन से जुड़ी इन परेशानियों का इलाज करने के लिए गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने तीन खास जड़ी-बूटियों को अपने खानपान में शामिल करने की सलाह दी हैं। एक इंस्टाग्राम वीडियो में उन्होंने बताया कि ये तीनों जड़ी-बूटियां पाचन को दुरुस्त करती है। मेथी दाना, मोरिंगा लीव्स और हल्दी तीनों का सेवन करने से पाचन से जुड़ी परेशनियां दूर होती है। इन तीन जड़ी बूटियों में से एक का सेवन खाने के बाद करना है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ये तीनों जड़ी बूटियां कैसे पाचन को दुरुस्त करती हैं।
हल्दी में करक्यूमिन नाम का सक्रिय घटक पाया जाता है जो पाचन तंत्र में सूजन को कम करने में मदद करता है। डॉ. सेठी के मुताबिक यह तत्व सूजन पैदा करने वाले प्रमुख मार्गों को ब्लॉक करता है। इसका सेवन करने से ब्लोटिंग कंट्रोल होती है और पाचन दुरुस्त रहता है।
पाचन को दुरुस्त करने के लिए सहजन की पत्तियों का सेवन करना बेहद उपयोगी है। सहजन में पॉलीफेनॉल्स, फ्लैवोनॉयड्स और आइसोथायोसाइनेट्स जैसे शक्तिशाली यौगिक पाए जाते हैं। ये यौगिक पाचन तंत्र की सूजन को कम करते हैं, लीवर की हेल्थ को दुरुस्त करते है और प्राकृतिक एंटीमाइक्रोबियल के रूप में कार्य करते हैं, जिससे आंतों के बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। इन पत्तियों का सेवन ग्रीन स्मूदी में करें आपका पाचन दुरुस्त रहेगा।
खाने के बाद सौंफ का सेवन माउथ फ्रेश करने का बेहतरीन तरीका है। लेकिन आप जानते हैं कि खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से मुंह में ताजगी रहती है और पाचन दुरुस्त रहता है। खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से पेट में गैस नहीं बनती और खाना आसानी से पच जाता है।
सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन में लीड कंसल्टेंट,डॉ. नरेंदर सिंगला ने बताया हल्दी, सहजन और सौंफ जैसी तीनों जड़ी-बूटियां न सिर्फ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में, बल्कि अब आधुनिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में भी पाचन और सूजन-रोधी लाभों के कारण सुझाई जाती हैं। डॉ. सिंगला बताते हैं कि हल्दी, विशेषकर उसका सक्रिय तत्व करक्यूमिन, एक प्रसिद्ध सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट है। यह गैस्ट्राइटिस, इंफ्लेमेटरी बाउल डिज़ीज़ (IBD) और फैटी लिवर जैसी समस्याओं में सहायक हो सकता है।
हल्दी एक गेम-चेंजर जड़ी-बूटी है। इसे पाचन की सूजन कम करने के लिए रोज़मर्रा की डाइट में इसका सेवन करना चाहिए। ये मसाला पाचन में सुधार करता है, सूजन और गैस को कम करता है, इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है और लिवर की सेहत को भी बेहतर बनाता है। हल्दी का सेवन आप दाल, सब्ज़ी और गर्म दूध के साथ कर सकते हैं।
यह पत्तियां ही नहीं इनके बीज भी हैं अमृत, कुछ दाने खाने से करते हैं दवा का काम, बॉडी की कमजोरी हो जाएगी दूर और मिलेंगे 4 फायदे, पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।