डायबिटीज एक ऐसी गंभीर समस्या है, जो एक बार किसी को अपनी चपेट में ले ले तो जल्दी से पीछा नहीं छोड़ती। हालांकि, शुगर उम्र बढ़ने के साथ आमतौर पर अधिक हुआ करती थी, लेकिन अब बच्चे भी शुगर के शिकार अधिक हो रहे हैं। WHO और ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल हजारों बच्चों को बचपन की डायबिटीज हो रही है, लेकिन सही जानकारी नहीं होने के चलते इसका पता देर से चलता है, जो धीरे-धीरे बढ़ जाती है। न्यूट्रिशनिस्ट सुमन अग्रवाल ने बताया कि बच्चों में डायबिटीज बहुत तेजी बढ़ रहा है, जिसके लक्षण पहले ही दिखाई देते हैं, जिनकी समय पर पहचान करना और ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के 14% वयस्क मधुमेह यानी डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसमें अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है और समय के साथ यह डायबिटीज का कारण बनता है।
बच्चों में अगर बार-बार प्यास लग रही है, पेशाब बार-बार हो रहा है या वजन तेजी से घट रहा है, तो इसे मामूली समझकर नजरअंदाज करना बड़ी भूल हो सकती है। आजकल बच्चों में भी डायबिटीज (खासकर टाइप 1) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ खास शुरुआती लक्षणों के जरिए इस बीमारी को समय रहते पहचाना जा सकता है और इलाज की शुरुआत कर बच्चे को गंभीर खतरे से बचाया जा सकता है।
जब ब्लड शुगर बहुत अधिक हो जाती है, तो शरीर मूत्र के माध्यम से अतिरिक्त ग्लूकोज से छुटकारा पाने की कोशिश करता है। इससे रात के समय भी शौचालय जाने की बार-बार जरूरत पड़ती है।
ज्यादा पेशाब के कारण निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन होता है, जिससे बच्चे को असामान्य रूप से प्यास लगती है। अगर, आपका बच्चा लगातार पानी या अन्य तरल पदार्थ मांग रहा है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप उस पर नजर रखें।
जब इंसुलिन की समस्या के कारण कोशिकाएं ग्लूकोज को अवशोषित नहीं कर पाती हैं, तो शरीर एनर्जी के लिए फैट और मांसपेशियों को तोड़ना शुरू कर देता है। ऐसे में सामान्य या बढ़ी हुई भूख के बावजूद वजन घटता देखते हैं, तो यह आपके बच्चे की जांच करवाने का संकेत हो सकता है।
कोशिकाओं में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज के प्रवेश के बिना, बच्चे के शरीर में ठीक से काम करने के लिए आवश्यक एनर्जी की कमी हो जाती है। लगातार थकावट, खेलने में उत्साह की कमी या अत्यधिक नींद आना मधुमेह यानी शुगर के लक्षण हो सकते हैं।
हाई ब्लड शुगर के बावजूद कोशिकाओं में एनर्जी की कमी होती है, जो मस्तिष्क को भोजन का सेवन बढ़ाने के लिए संकेत भेजती है। अगर आपका बच्चा लगातार भूखा महसूस करता है और भोजन के तुरंत बाद भोजन मांगता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप नोट करें।
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