खराब डाइट का सीधा असर हमारे पाचन पर पड़ता है। खाने में प्रोसेस फूड,ऑयली और फ्राई फूड का ज्यादा सेवन करने से कब्ज की बीमारी होती है। कब्ज एक ऐसी परेशानी है जिसमें मल हार्ड हो जाता है और उसे डिस्चार्ज करने में परेशानी होती है। रिफाइंड अनाज कब्ज की बीमारी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। हमारी डाइट में रिफाइंड अनाज से तैयार पिज्जा,चाउमीन,मैक्रोनी,केक और बेक किए हुए फूड्स की मात्रा बढ़ गई है जिसका सीधा असर हमारी गट हेल्थ पर देखने को मिलता है।

रिफाइंड अनाज ऐसा अनाज होता है जिसमें फाइबर की मात्रा कम होती है जो कब्ज का कारण बनता है। अगर खाने में रोजाना रिफाइंड अनाज का सेवन किया जाए और उसे फाइबर रिच फूड्स के साथ बैलेंस नहीं किया जाए तो कब्ज की बीमारी क्रॉनिक हो सकती है।

रिफाइंड अनाज में ब्रेड एक ऐसा फूड है जिसका सेवन हर दिन सुबह नाश्ते में किया जाता है। ब्रेड का सेवन हम सैंडविच के रूप में,अंडे के साथ और ब्रेड चाय के साथ करते हैं। सफेद ब्रेड रिफाइंड अनाज है जो कब्ज का कारण बनती है। आइए जानते हैं कि ब्रेड और कब्ज का क्या कनेक्शन हैं और इसकी जगह हम कौन सा हेल्दी ऑप्शन अपना सकते हैं।  

वेबएमडी के मुताबिक कब्ज की बीमारी खाने के चीजों के असंतुलन के कारण होती है। अगर आप अपनी डाइट में अधिक फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज (Wholegrains) शामिल करें, तो इससे राहत मिल सकती है। जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्याएं हैं अगर वो डाइट में फाइबर रिच फूड ज्यादा लेते हैं तो उनके लक्षण और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। ब्रेड प्रोसेस्ड फूड्स की श्रेणी में आती हैं, जिनमें पोषक तत्व कम और कब्ज बढ़ाने वाले तत्व अधिक होते हैं।

फाइबर की कमी आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया (gut microbiota) को नुकसान पहुंचाती है, जिससे कब्ज की समस्या और बढ़ सकती है। डाइट में केवल ब्रेड खाने से फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज जैसे फाइबर युक्त तत्वों की कमी होने से कब्ज हो सकता है। ब्रेड आमतौर पर रिफाइंड मैदा से बनती है, जिसमें नेचुरल फाइबर न के बराबर होता है। फाइबर की कमी पाचन को धीमा कर सकती है और कब्ज बढ़ा सकती है।

दही के साथ इन 5 चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करें, आचार्य बालकृष्ण ने बताया इन फूड कॉम्बिनेशन से बनेगा ज़हर, ये है फूड लिस्ट। पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।