डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक बीमारी है जिसमें पैन्क्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना कम कर देता है या फिर बंद कर देता है। इंसुलिन का कम उत्पादन होने पर ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। इंसुलिन एक तरह का हार्मोन होता है जो पाचन ग्रंथि से बनता है। इस हार्मोन का काम खाने को एनर्जी में बदलना है। खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से पनपने वाली इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो बार-बार प्यास लगना, यूरिन का अधिक डिस्चार्ज होना,भूख ज्यादा लगना और वजन का कम होना, घाव का देर से भरना और आंखों की रोशनी प्रभावित होना डायबिटीज के लक्षण हैं।
अगर लम्बे समय तक ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई बीमारियों का जोखिम बढ़ने लगता है। हाई ब्लड शुगर दिल, किडनी और लंग्स की सेहत बिगाड़ सकता है। अगर आप रोजाना डाइट, खानपान का ध्यान रखें और बॉडी को एक्टिव रखें तो आसानी से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं।
डाइट और वेलनेस क्लीनिक की डॉक्टर सोनिया नारंग ने डायबिटीज कंट्रोल करने का खास तरीका बताया है। उन्हें दिन में 5 काम करने की सलाह दी है। इन 5 काम को करके आप न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल कर सकते हैं बल्कि डायबिटीज को रिवर्स भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं डायबिटीज रिवर्स करने के 5 खास तरीके।
डायबिटीज कंट्रोल करना है तो सुबह उठकर मेथी दाना के पानी का सेवन करें। मेथी का पानी इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर को शुगर को सही तरीके से उपयोग करने में मदद मिलती है। मेथी में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जो शुगर के अवशोषण को धीमा करती है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में सुधार होता है। मेथी का पानी शरीर की इंसुलिन प्रक्रिया को बेहतर बनाता हैं।
प्याज में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और कुछ महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं जो डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करते हैं। प्याज में क्रोमियम और सल्फर जैसे तत्व होते हैं जो इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करते हैं। प्याज में फाइबर पाया जाता है जो शुगर के अवशोषण को धीमा करता है।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो रिफाइंड तेल की जगह आप कच्ची घानी के तेल का सेवन करें। कच्ची घानी के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड और ओमेगा-6 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है, जो इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ा सकती हैं। इसका मतलब है कि शरीर को शुगर का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलती है जिससे ब्लड शुगर नॉर्मल रहती है।
अगर शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो खाने के बाद रोजाना 500 कदम चलें। खाने के बाद चलने से शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर का इंसुलिन अधिक प्रभावी तरीके से काम करता है जिससे ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप रोजाना सोने से पहले आंवला और हल्दी का पानी पिएं। आंवला में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं। इससे शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है। हल्दी में कुर्मिन नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जो सूजन को कम करता है और शरीर में ग्लूकोज के मेटाबोलिज़्म को बेहतर बनाता है। हल्दी का सेवन इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है और शरीर को शुगर को सही ढंग से उपयोग करने में मदद करता है।
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