पानी का सेवन बॉडी के लिए बहुत जरुरी है। पानी बॉडी को हाइड्रेट करता है, बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालता है और बॉडी के अंगों को सही तरह से काम करने में मदद करता है। हम दिन भर में जितना पानी पीते हैं किडनी उसका इस्तेमाल करके यूरिन के जरिए बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकाल देती है। एक नॉर्मल इंसान को 3 से 4 घंटे में एक बार पेशाब आना चाहिए। यानी दिन में 5 से 7 बार यूरिन पास करना नॉर्मल माना जाता है। यूरिन ठीक से डिस्चार्ज होना इस बात का साइन है कि आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है।
कुछ लोग ऐसे है जिन्हें पानी पीते ही तुरंत पेशाब आता है। एक नॉर्मल इंसान की ब्लैडर में यूरिन स्टोर करने की क्षमता 300-500 ml तक है। इससे ज्यादा होने पर इंसान को यूरिन डिस्चार्ज करने का प्रेशर होने लगता है। बार-बार पेशाब आने के लिए कई बीमारियां जैसे डायबिटीज, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), प्रोस्टेट की समस्या और ADH हार्मोन की कमी होना जिम्मेदार है।
अपोलो हॉस्पिटल नोएडा में कंसल्टेंट डायबिटीज थॉयराइड हॉर्मोन स्पेशलिस्ट डॉक्टर बीके राय ने बताया बार-बार और जल्दी यूरिन आने की समस्या का तुरंत पता लगाना जरूरी है। आप यूरिन टेस्ट के जरिए इस परेशानी का पता लगा सकते हैं। अगर आपको बहुत ज्यादा या बहुत कम यूरिन आ रहा है, तो यह कोई मेडिकल समस्या हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
कुछ लोग ऐसे है जिन्हें तुरंत पानी पीते ही पेशाब आता है। पानी पीते ही पेशाब आना ADH हार्मोन की कमी होना है। ADH हॉर्मोन की कमी की वजह से बहुत ज्यादा पेशाब आता है और बहुत ज्यादा प्यास लगती है। इसमें शरीर पानी को रोक नहीं पाता, जिससे डिहाइड्रेशन और कमजोरी हो सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ADH हॉर्मोन की कमी की क्यों होती है और यूरिन की इस समस्या का इलाज कैसे करें।
हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी ग्लैंड में समस्या के कारण ADH हॉर्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। सिर में चोट या ब्रेन ट्यूमर ADH के उत्पादन को प्रभावित करता है। किडनी की समस्या ADH का सही उपयोग नहीं कर पाती। इस परेशानी के लिए जेनेटिक कारण भी जिम्मेदार हैं। जब किडनी ADH पर ठीक तरीके से काम नहीं करती तो अधिक पेशाब आता है। शरीर से जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकलने लगते हैं और इंसान की बॉडी में कमजोरी और थकान होने लगती है।
ADH हॉर्मोन को बढ़ाना चाहते हैं तो आप पानी का सेवन ज्यादा करें। बार-बार पानी पिएं ताकि बॉडी में पानी की कमी न हो। पानी की कमी से डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस हो सकता है जो परेशानी को बढ़ा सकता है।
ADH हॉर्मोन को सही करना चाहते हैं तो आप नमक का सेवन कम करें। ज्यादा नमक खाने से यूरिन ज्यादा बनता है। डाइट में कम सोडियम का सेवन करके आप इस परेशानी का उपचार कर सकते हैं।
डाइट में केला, नारियल पानी और दही का सेवन करें। पोटैशियम और मैग्नीशियम युक्त भोजन लें।
अल्कोहल और कैफीन से करें परहेज करना जरूरी है। ये पदार्थ ADH की कार्यक्षमता को कम कर सकते हैं और अधिक यूरिन बनने का कारण बन सकते हैं।
पर्याप्त नींद लें और तनाव कंट्रोल करें। स्ट्रेस हार्मोन यानी Cortisol हॉर्मोन ADH के उत्पादन को तेजी से प्रभावित करता है।
सुबह उठते ही हल्दी और नीम की 2 गोली को खा लें, बॉडी में जमा सारे कीटाणु हो जाएंगे खत्म, गट हेल्थ रहेगी दुरुस्त। इन दोनों हर्ब की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आप लिंक में क्लिक करें।